जैसलमेर, जिला प्रशासन, जैसलमेर द्वारा जिले की ओरण, आगोर, तालाब, नदी-नाला एवं नाडी, उसके कैचमेंट एरिया की भूमि के राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज करने की दिशा में मुस्तैदी के साथ कार्य किया जा रहा है। साथ ही उपखण्ड अधिकारियों की निगरानी में सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता जल संशाधन, पटवारी एवं भू-अभिलेख निरीक्षक द्वारा संयुक्त रुप से सर्वे कार्य किया जा रहा है वही इस धरोहर के राजस्व रिकार्ड में इन्द्राज करने के लिए कार्य अन्तिम चरण में है।
जिला प्रशासन की टीमें राजस्व अभिलेखों में इन परंपरागत जल स्त्रोत एवं चारागाह जैसी प्राकृतिक संपदाओं को विधिवत दर्ज कर सुरक्षित करने की कार्रवाई को मिशन मोड में आगे बढ़ाया जा रहा है, ताकि भविष्य में इन पर अतिक्रमण या अवैध उपयोग की कोई संभावना न रहे।
उपखंड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं राजस्व अमले की विशेष टीमें फील्ड में इस क्षेत्र के लिए मौके का निरीक्षण कर सीमांकन एवं अभिलेखों में प्रविष्टि का कार्य प्राथमिकता से कर रही है। इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की पारंपरिक जल संरचनाओं एवं जैव विविधता के संरक्षण में भी नई ऊर्जा का संचार होगा, वहीं ग्रामीणजनों की जन भावना की भी पूर्ति होगी। इस प्रयास से जिले में स्थित ओरण के साथ ही जल संरक्षण की संरचनाओं का राजस्व रिकॉर्ड में इन्द्राज होने से हमेशा-हमेशा के लिए इसका अभिलेख तैयार हो जाएगा।
जिला कलक्टर जैसलमेर द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ओरण, आगोर एवं अन्य परम्परागत जल स्त्रोतों की राजस्व भूमि की स्थिति का नियमित निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें एवं जहां आवश्यक हो, अतिक्रमण हटाकर भूमि को मूल स्वरूप में पुनः स्थापित करवाएं।
इसके साथ ही उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर की निगरानी में तहसील क्षेत्र में संयुक्त सर्वे टीम द्वारा लगभग 37 ग्राम पंचायतों में सर्वे कार्य को अमलीजामा पहनाया जाने की प्रक्रिया को सत्त रुप से किया जा रहा है। इस सर्वे कार्य में क्षेत्र में स्थित आगोर, नदी-नाला, नाडी इत्यादि की प्रस्तावित किस्म को राजस्व रिकॉर्ड में इन्द्राज करने का कार्य भी लगभग अन्तिम चरण है। यही नहीं इसके साथ ही नगर विकास न्यास एवं नगर परिषद जैसलमेर के क्षेत्राधिकार में स्थित लगभग 10 गांवों एवं शहरी क्षेत्र के पारम्परिक जल स्त्रोतों का भी सर्वे किया जाकर उसकी किस्म को राजस्व रिकार्ड में इंद्राज करने की ओर अग्रसर कार्यवाही की जा रही है।
इस पहल से जैसलमेर जिले में प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में एक नया अध्याय भी जुड़ेगा एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर की रक्षा सुनिश्चित होगी। जिला प्रशासन द्वारा गठित टीमें जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों की भागीदारी भी इसमें सुनिश्चित कर रहीे है एवं वहां के बुर्जग ग्रामीणजनों के साथ ही राजस्व टीमें सलाह-मशवरा कर सही भूमि एवं पारम्परिक जल स्त्रोतों का संरक्षण हो, उस ओर ठोस कदम उठा रही है ताकि ग्रामीणों की भावना जो ओरण एवं जल स्त्रोतों का बचाव हो एवं वे हमेशा के लिये अतिक्रमण से मुक्त रहे, उसकी भी मंशा पूरी हो इस ओर जिला प्रशासन हर पहलू को ध्यान में रखते हुए ठोस कार्यवाही कर रहा है।
---000--