उदयपुर। राज्य सरकार द्वारा पशुओ में पाये जाने वाले मुंहपका खुरपका रोग से मुक्त राज्य बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में छठें चरण का टीकाकरण कार्यकम 23 सितम्बर से 2 माह तक चलाया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से चलाये जा रहे अभियान के कारण ही वर्तमान में इस रोग से ग्रस्त पशुओं की संख्या नहीं के बराबर है इस कारण से इस रोग से पशुपालकों को प्रतिवर्ष होने वाले लाखों रूपये के नुकसान से बचाया जा रहा है यह संबोधन संस्थान के उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने संक्रामक रोग के बचाव विषयक संगोष्ठी में दिये।
डॉ. छंगाणी ने बताया कि मुंहपका खुरपका रोग एक विषाणु जनित रोग है। इस रोग की हालांकि मुत्युदर बहुत ही कम है किन्तु उत्पादन क्षमता में अत्यधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। वर्ष में दो बार इस रोग के बचाव का टीका लगाया जाता है। जनसहभागिता से इस अभियान को पूर्ण करने पर हम संभवतः 2030 तक अपने राज्य को इस रोग से मुक्त राज्य घोषित कराने में सफल हो पायेंगे।
संस्थान के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पदमा मील ने इस अवसर पर मुंहपका खुरपका रोग की विस्तृत जानकारी देते हुए इससे होने वाले नुकसान की जानकारी दी।
वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश साहू ने पशुओं में होने वाले संक्रामक रोगों की एवं उनके बचाव हेतु लगाये जाने वाले टीकों की विस्तृत जानकारी दी। पशुपालक डिप्लोमा के विद्यार्थियों ने भी अपने विचार रखे।