शरद पूर्णिमा पर रसामृत गरबा रास महोत्सव ने उमड़ाया श्रृद्धा-भक्ति का ज्वार,

( 51914 बार पढ़ी गयी)
Published on : 08 Oct, 25 06:10

पूर्ण चन्द्र की स्नेह वृष्टि के बीच बरसते रहे मनभावन राग-रंग और भक्तिभाव रस

शरद पूर्णिमा पर रसामृत गरबा रास महोत्सव ने उमड़ाया श्रृद्धा-भक्ति का ज्वार,

बांसवाड़ा / शरद पूर्णिमा पर सहस्र औदीच्य समाज बांसवाड़ा की महिला एवं युवा इकाइयों की ओर से पूर्ण चन्द्र की साक्षी में परिणय वाटिका में पहली बार आयोजित गरबा रास महोत्सव ने देर रात तक श्रद्धा-भक्ति का ज्वार उमड़ाया।

गरबा रास महोत्सव में देर रात तक गरबा गायकों ने लोकवाद्यों की धुनों पर एक से बढ़कर एक गरबों का गायन करते हुए हर्ष और उल्लास के सागर में नहला दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तथा महिलाओं ने बड़ी संख्या में गरबा नृत्यों पर नाचते-झूमते थिरकते हुए सामूहिक सामाजिक उत्सवी आनन्द का परिचय कराया।

महोत्सव का शुभारंभ प्रमुख गौ संत श्री रघुवीरदासजी महाराज ने दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में गरबा रास को देवी उपासना में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि सामाजिक स्तर पर इस प्रकार के आयोजनों से पारस्परिक समन्वय के साथ बहुविध मंगलकारी परिवेश को सम्बल प्राप्त होता है।

आरंभ में महिला मंडल की अध्यक्ष श्री अनुसूया त्रिवेदी ने स्वागत करते हुए बताया कि शरद पूर्णिमा पर समाज की महिलाओं द्वारा आयोजित यह पहला आयोजन उत्साही भागीदारी का दिग्दर्शन कराता है।

औदीच्य ब्राह्मण समाज की युवा कार्यकारिणी अध्यक्ष नवीन पंड्या ने बताया कि अब समाज की गरबा समिति की ओर से हर वर्ष इस तरह का आयोजन किया जाएगा।

आरंभ में सहस्र औदीच्य समाज महिला मंडल की प्रतिनिधियों डिम्पल त्रिवेदी, कविता त्रिवेदी, वनिता अरविन्द पाठक, कीर्ति आचार्य, हिना जोशी, प्रियंका पाठक, रीना पंड्या, नीलम पंड्या, आरती आचार्य, पूजा पंड्या, वर्षा भट्ट, सारिका भट्ट, मनीषा प्रदीप भट्ट, निशा व्यास सहित समाज की महिला प्रतिनिधियों ने गरबा गायकों एवं अतिथियों का स्वागत किया।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.