कृष्ण की विरहणी मीरा’ थीम पर सजेगा मीरा महोत्सव

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Published on : 06 Oct, 25 03:10

-70वें दो दिवसीय महोत्सव में बहेगी भक्ति और संस्कृति की सरिता

कृष्ण की विरहणी मीरा’ थीम पर   सजेगा मीरा महोत्सव

उदयपुर, शहर में कला, भक्ति और संस्कृति का अनूठा संगम लेकर बहुप्रतीक्षित 70वां मीरा महोत्सव सोमवार 6 अक्टूबर से शुरू होगा। इस दो दिवसीय आयोजन को लेकर मीरा प्रकाश वर्मा फाउंडेशन के सदस्य तथा प्रतिभागियों ने रविवार को तैयारियों को अंतिम रूप प्रदान किया।

फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संयोजक लव वर्मा ने बताया कि आयोजन मीरा कला मंदिर, सेक्टर-11 स्थित प्रकाश वर्मा ऑडिटोरियम में होगा। इस वर्ष महोत्सव की थीम “कृष्ण की विरहणी मीरा” रखी गई है, जो मीरा की भक्ति, विरह और आध्यात्मिक समर्पण की भावना को समर्पित होगी।

संस्थान के संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आयोजन समिति ने कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा तैयार कर ली है। समिति में प्रदीप वर्मा, नारायण गंधर्व, यथार्थ वर्मा, रणवीर सिंह राणावत, विवेक भटनागर, कुश वर्मा, लज्जा वर्मा, मनमोहन भटनागर, कपिल पालीवाल, विजय धाधड़ा, चिन्मय दीक्षित, कमल वर्मा, प्रसन्न दातिया, मुकेश गुर्जर, अखेराज रेबारी, भेरूलाल गायरी, हिमांशु शर्मा, अनिल पितलिया, प्रीति दातिया, नवीन राव, शुभम जैन और जयेश पवार सहित कई सदस्य आयोजन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। शास्त्रीय और सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले प्रतिभागी लगातार अभ्यास में जुटे हुए हैं। इस वर्ष शहर के लगभग 15 से 20 विद्यालयों और विश्वविद्यालयों से प्रतिभागी टीमें भाग लेंगी, जिनमें आलोक विद्यालय, स्कॉलर एरीना, इंडो अमेरिकन स्कूल, आदिनाथ पब्लिक स्कूल सहित अन्य प्रमुख संस्थान शामिल हैं।

महोत्सव का शुभारंभ सोमवार, 6 अक्टूबर को प्रातः 9 बजे मीरा मंदिर में मीरा पाटोत्सव और भजन संध्या के साथ होगा। इसके पश्चात विभिन्न विद्यालयों में मीरा विषयक शास्त्रीय प्रतियोगिताएं प्रारंभ होंगी। दिनभर चलने वाली इन प्रतिस्पर्धाओं के बाद सायंकालीन सत्र में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और इस्कॉन मंदिर के भक्तों द्वारा भक्ति संदेश से होगा। मुख्य अतिथि सांसद डॉ. मन्नालाल रावत और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा होंगे। अध्यक्षता राजस्थान विद्यापीठ के वीसी डॉ. एसएस सारंगदेवोत करेंगे। मुख्य वक्ता जयनारायण विश्वविद्यालय जोधपुर के कला शिक्षा समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. कल्याण सिंह शेखावत होंगे। इसके बाद मंच पर विविध प्रस्तुतियों का क्रम चलेगा, जिनमें गणेश वंदना, लोकनृत्य, भजन, कथक नृत्य और मीरा नाटिका जैसी प्रस्तुतियां शामिल होंगी। अंजलि जैन ग्रुप द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की जाएगी, जबकि कोमल बारेठ और हिरांश वर्मा भजन प्रस्तुत करेंगे। प्रमोद परिहार के विद्यार्थी कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगे तथा राशि माथुर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करेंगी। मीरा नृत्य नाटिका महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगी, जिसे विशेष रूप से चंद्रकला चौधरी, सृष्टि पांडे और अनिता राजपुरोहित के निर्देशन में प्रस्तुत किया जाएगा। प्रतियोगिताओं में विजयी बच्चों को भी मंच पर प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम के अंत में अतिथि संबोधन, कल पुरोधा सम्मान और सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र वितरण होगा।

सांस्कृतिक संध्या में शहर के कई प्रसिद्ध कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, जिनमें विजय धाधड़ा, नारायण गंधर्व, उर्मिला, कोमल बारोट, सदाशिव गौतम, सौरभ देल्हवी, रेणु देल्हवी, वीणा डांगी, मनीषा नेगी, मारिशा दीक्षित, गजेंद्र दमामी, हीरांश वर्मा, भव्यन खोखावत और राशि माथुर प्रमुख हैं। प्रसिद्ध भजन गायक देवेंद्र हिरण मीरा के भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुति देंगे, जो संध्या का मुख्य आकर्षण रहेगी।

महोत्सव के दौरान कला और संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले कलाकारों को ‘कला पुरोधा प्रकाश वर्मा कला सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान मोहन पवार, शकुंतला पंवार, ओम कुमावत, मीठालाल वर्मा, स्वर्गीय मानिक आर्य और विजयलक्ष्मी दवे को प्रदान किया जाएगा।

महोत्सव के दूसरे दिन भी विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं प्रस्तुतियां जारी रहेंगी और समापन समारोह में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर संगीत आश्रम के वरिष्ठ कलाकारों द्वारा भजन और नृत्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी। सायंकालीन कार्यक्रम के संयोजक विजय धाधड़ा, नारायण गंधर्व, भरत गंधर्व और विजय गंधर्व हैं, जो आयोजन की संपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

 


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