आदिवासी क्षेत्र में अतिरिक्त आय का स्रोत मशरुम की खेती : डॉ. मीना

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Published on : 06 Oct, 25 01:10

मशरुम के पोषणीय एवं औषधीय महत्व पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन दिनांक 04अक्टूबर 2025 को अखिल भारतीय समन्वित मशरूम अनुसन्धान परियोजना,अनुसन्धान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर केतत्वधान में अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टी.एस.पी) के अंतरगत ग्राम पंचायत फलासिया में एकदिवसीय मशरूम प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | मशरूम प्रशिक्षण में पंचायतसमिति -फलासिया के कुल 25-30 गांवो के किसानो एवं महिलाओ ने भाग लिया| प्रशिक्षण में परियोजना प्रभारी डॉ. एन. एल. मीना मशरुम के महत्वपूर्ण गुणों , ढींगरी व दूधछाता मशरुम की खेती के बारे में विस्तार से व्याख्यान दिया तथा कृषि विभाग के कृषि अधिकारी श्री शिव दयाल मीणा ने कृषि में अतिरिक्त आमदनी के लिए मशरुम की खेती को बढ़ावा देने व राजस्थान सरकार की अनुसूचित जनजाति किसानों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के के बारे में जानकारी दी| तथा श्री अविनाश कुमार नागदा एवं किशन सिंह राजपूत ने प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रशिक्षणर्थीयो को मशरूम की प्रायोगिक जानकारी दी तथा प्रशिक्षण के अंत में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के कुल 30 प्रशिक्षणर्थीयो को सामग्री वितरित की गई|


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