हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा ग्रामीण विकास एवं किसानों को सशक्त करने हेतु संचालित समाधान परियोजना के अंतर्गत राजपुरा दरीबा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा बायोमास पेलेट यूनिट का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वेदांता की हेड सीएसआर अनुपम निधि, कृषि विभाग उपनिदेशक आत्मा संतोष दुुरिया, कृषि अधिकारी शिवांग नेहरा, हेड इंजीनियरिंग पाॅवर कथिरेसन के, यूनिट हेड सीपीपी सुधीर परवाल अन्य गणमान्य अतिथिगण, किसान प्रतिनिधि तथा स्थानीय समुदाय के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
यह बायोमास पेलेट यूनिट हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के वित्तीय सहयोग से स्थापित की गई, जिसका क्रियान्वयन बायफ आजीविका संस्था द्वारा किया जा रहा है। यूनिट की उत्पादन क्षमता 400 किलोग्राम प्रति घंटा है। यह यूनिट पूरी तरह सौर ऊर्जा पर संचालित है, जिससे न केवल उत्पादन लागत कम होती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी हितकारी है। इसमें क्षेत्र में बड़ी मात्रा में पाई जाने वाली अवांछित खरपतवार लैंटाना घास का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक से एक ओर जहां किसानों को खेतों से निकलने वाले खरपतवार के निपटान की सुविधा होगी, वहीं दूसरी ओर इससे बायोमास के रूप में अतिरिक्त आय का स्रोत भी उपलब्ध होगा।
मुख्य अतिथि अनुपम निधि ने अपने संबोधन में कहा कि यह पहल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन शमन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे इस यूनिट का अधिकतम लाभ उठाएँ और सतत कृषि की दिशा में कदम बढ़ाएँ।
इस अवसर पर परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने भी यूनिट की कार्यप्रणाली, किसानों के लिए संभावित लाभ और दीर्घकालीन प्रभावों की जानकारी साझा की। उद्घाटन समारोह में उपस्थित किसानों और समुदाय के सदस्यों ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक नई दिशा बताया।
राजपुरा दरीबा एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी एफपीओ है। यह हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य सीएसआर प्रोजेक्ट, समाधान के तहत स्थापित किया गया है। इस एफपीओ से 2100 से अधिक किसान शेयरधारक जुड़े हुए हैं। 2021 से अब तक एफपीओ ने 3 करोड़ से अधिक का कुल व्यापार किया है, जिसमें 12 लाख से अधिक का शुद्ध लाभ शामिल है। समाधान परियोजना से हर साल रेलमगरा ब्लॉक के 32 गाँवों के 5000 से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे है।