पिलानी (राजस्थान) : भारत के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), पिलानी में स्ट्रीट डॉग्स के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार और पशु-कल्याण नियमों की अनदेखी का गंभीर मामला सामने आया है।
13 जून 2025 को जारी यूजीसी दिशा-निर्देश (D.O. No. 2-17/2025 (CPP-II)(C.162595)) में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान में पशु-कल्याण को शिक्षा और नैतिकता का अभिन्न अंग बनाया जाए। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट के आदेश (दिनांक 22 अगस्त 2025) में भी यह कहा गया है कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद स्ट्रीट डॉग्स को उनके मूल स्थान पर छोड़ना अनिवार्य है।
BITS पिलानी में वास्तविक स्थिति:
एक शिकायत के पश्चात स्थानीय समिति द्वारा की गई जांच में निम्नलिखित तथ्य उजागर हुए:
- संस्थान परिसर में करीब 300 स्ट्रीट डॉग्स हैं, जिनमें से 91 को एक शेल्टर में स्थायी रूप से कैद किया गया है।
- इस शेल्टर में कवर शेड, मेडिकल यूनिट, सर्जिकल सुविधाएँ और फूड किचन जैसी बुनियादी व्यवस्थाएँ उपलब्ध हैं।
- "Help in Suffering" नामक संस्था के सहयोग से ABC (Animal Birth Control) और ARV (Anti-Rabies Vaccination) कार्यक्रम संचालित किए गए, लेकिन इस संस्था को AWBI से कोई मान्यता प्राप्त नहीं है, जो कि ABC Rules, 2023 के अंतर्गत अनिवार्य है।
कानूनी और संवैधानिक उल्लंघन:
- श्वानों को उनके मूल स्थान पर वापस न छोड़ना सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों की अवहेलना है।
- बिना मान्यता प्राप्त संस्था से नसबंदी/टीकाकरण कराना ABC नियमों का उल्लंघन है।
- यह संपूर्ण व्यवहार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(A)(g) — “प्राणियों के प्रति करुणा दिखाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है” — के भी विपरीत है।
हमारी मांगें:
- अवैध शेल्टर को तुरंत बंद किया जाए।
- सभी स्ट्रीट डॉग्स को नसबंदी/टीकाकरण के बाद उनके मूल स्थान पर छोड़ा जाए।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध न्यायिक अवमानना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाए।
- एक स्वतंत्र फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का गठन कर इस संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
हमारी अपील:
BITS पिलानी जैसे शैक्षिक और नैतिक नेतृत्व के प्रतीक संस्थान से यह अपेक्षा की जाती है कि वह:
- संविधान और न्यायपालिका के आदेशों का सम्मान करे,
- छात्रों में करुणा, संवेदनशीलता और सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा दे,और पशु कल्याण की दिशा में एक उदाहरण प्रस्तुत करे।
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