उदयपुर : राजस्थान विद्यापीठ के संघटक विधि महाविद्यालय एवं कन्या महाविद्यालय परिसर में छात्र छात्राओं की ओर से आयोजित डांडिया महोत्सव का शुभारंभ कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, प्रचार्य डाॅ. कला मुणेत, डाॅ. अपर्णा श्रीवास्तव, डाॅ. सरोज गर्ग, प्रो. आईजे माथुर ने माताजी की पूजा-अर्चना कर किया । समारोह में विद्यार्थियों के साथ संकाय सदस्यो ने भी पारम्परिक परिधान में गुजराती, राजस्थानी गीतों पर जमकर गरबा व डांडिया किया। श्रेष्ठ प्रतिभागियों को प्रो. सारंगदेवोत ने प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करते हुए कहा कि नवरात्र के नौ दिन शक्ति अर्जित करने के दिन हैं। भारतीय, संस्कृति, परम्परा विश्व मे अद्भूत है, युवाओं का आव्हान किया कि वे भारतीय संस्कृति को आने वाली पीढ़ी के संरक्षित रखें। आज पूरा विश्व भारतीय संस्कृति का कायल है। हर त्यौहार को उत्सव के रूप में मनाएं लेकिन ध्यान रहे कि किसी की भावना आहत न हो। यह एक जीवंत और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण त्यौहार है। गरबा और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य रूपों और देवी के विभिन्न रूपों की उत्कट पूजा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह एक खुशी का अवसर है जो नृत्य, गीत और भक्ति द्वारा एकता और आध्यात्मिकता की भावना को बढ़ावा देता है।