उदयपुर, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर की कुलगुरू डॉ. सुनीता मिश्रा के वक्तव्य को लेकर उठे विवाद के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुलगुरू की टिप्पणी को पूर्णतया अनुचित और अशोभनीय बताया।
श्री देवनानी ने कहा कि विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के सर्वाच्च पद पर आसीन व्यक्ति से तथ्यात्मक, संतुलित, मर्यादित और शालीन वक्तव्य की अपेक्षा की जाती है, किन्तु कुलगुरू की टिप्पणी से जनभावनाओं को ठेस पहुंची है। वीरशिरोमणि महाराणा प्रताप की धरा का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद मुगल शासक की प्रशंसा करना स्वाभिमान की रक्षा करते हुए प्राणों का उत्सर्ग करने वाले वीरों के अपमान के समान है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आचरण उच्च शिक्षा के स्तर और शैक्षणिक परिवेश के अनुरूप नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल महोदय एवं राज्य सरकार से अपेक्षा व्यक्त की है कि वे इस प्रकरण पर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए उचित कार्यवाही करें।
विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत
विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी शनिवार शाम को अजमेर से उदयपुर पहुंचे। सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने श्री देवनानी का स्वागत किया। इस दौरान उदयपुर टी मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल ओस्तवाल तथा सचिव राजीव सेठिया सहित अन्य ने श्री देवनानी को ज्ञापन सौंपा। इसमें राज्य सरकार की ओर से चाय पर लगाए गए कृषक कल्याण टेक्स को वापस लेने की गुहार की।
देवनानी ने किए मातारानी के दर्शन
उदयपुर प्रवास के दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने नवरात्रि के अवसर पर शनिवार को शहर के नौ देवी मंदिर में पहुंच कर दर्शन एवं पूजा अर्चना की।