गडरियो के चंगुल से मुक्त कराए 2 मासूमो को प्रशासन ने जारी किया बंधुआ मुक्ति प्रमाण पत्र, सलूम्बर जिले की बंधुआ श्रमिक की यह प्रथम कार्यवाही 

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Published on : 24 Sep, 25 09:09

गडरियो के चंगुल से मुक्त कराए 2 मासूमो को प्रशासन ने जारी किया बंधुआ मुक्ति प्रमाण पत्र, सलूम्बर जिले की बंधुआ श्रमिक की यह प्रथम कार्यवाही 

प्रशासन और गायत्री संस्थान की पहल से 2 बच्चे हुए बंधुआ मजदूरी से आजाद, प्रशासन ने जारी किया मुक्ति प्रमाण पत्र, बच्चों को मिलेगी 30000 रू की अंतरिम सहायता 

(सलूम्बर जिले की बंधुआ श्रमिक की यह प्रथम कार्यवाही, 3 लाख तक की प्रति बच्चे को मिलेगी सहायता, 30 हज़ार की तुरंत अंतरिम सहायता)

उदयपुर/ सलूम्बर l 17 सितम्बर सलूम्बर जिले में बालश्रम और मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सिरोही जिले के जनजाति बच्चों को गडरियो के चुंगल से स्थानीय स्वयं सेवी संगठन गायत्री सेवा संस्थान की सूझ-बूझ से आजाद करवाया गया था जिसके तहत जावर माइंस थाना क्षेत्र अंतर्गत मामला भी 2 लोगो के खिलाफ दर्ज किया गया था l आज बंधुआ श्रम अधिनियम अंतर्गत जिला प्रशासन सलूम्बर द्वारा दोनों बच्चों को बंधुआ मुक्ति प्रमाण पत्र उपखण्ड अधिकारी, सराड़ा जिला सलूम्बर आकांशा दुबे द्वारा जारी किया गया l 

इस अवसर पर बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने सलूम्बर जिला प्रशासन की सराहना करते हुए बताया की बंधुआ श्रम उन्मूलन अधिनियम, 1976 के अंतर्गत
मुक्ति प्रमाण पत्र धारा 6 अंतर्गत जारी किया जाता है। यह प्रमाण पत्र इस बात का सबूत होता है कि वह व्यक्ति अब बंधुआ मज़दूर नहीं है और उस पर किसी भी प्रकार का बकाया ऋण या दावा मान्य नहीं होगा। साथ ही यही प्रमाण पत्र आगे चलकर पुनर्वास योजनाओं और सरकारी सहायता का आधार भी बनता है। अब बच्चों को 30,000 रू अंतरिम सहायता एवं जिस जिले से बच्चे संबधित है वहाँ पुनर्वास कर शेष 270000 रू. की सहायता मिल सकती है l 

गायत्री सेवा संस्थान सलूम्बर जिला समन्वयक पायल कनेरिया ने बताया की आज बाल कल्याण समिति, उदयपुर की कार्यकारी अध्यक्ष यशोदा पनिया के सहयोग से बच्चों को राजकीय बाल ग्रह से सराड़ा उपखण्ड कार्यालय में लाया गया जहाँ संस्थान के अमित राव एवं विशेषज्ञ सुखविंदर ने लिखित दस्तावेज की प्रक्रिया पूर्ण कर प्रशासन को प्रस्तुत की तत्पश्चात मुक्ति प्रमाण पत्र जारी हुआ l संस्थान द्वारा अब बच्चों के बैंक खाते खुलवाने एवं पुनर्वास हेतु योजना बनाई जाएगी l विगत एक माह में अब तक 5 बंधुआ बाल श्रमिक मुक्त करवाये गये है l 
 


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