साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा की राष्ट्रीय कहानी प्रतियोगिता में हाड़ोती अंचल के कहानीकार सम्मानित

( 23172 बार पढ़ी गयी)
Published on : 24 Sep, 25 04:09

मानसिक स्वास्थ और आत्महत्या रोकथाम पर साहित्यकार कार्यशाला

साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा की राष्ट्रीय कहानी प्रतियोगिता में हाड़ोती अंचल के कहानीकार सम्मानित

कोटा  / संस्था साहित्य मण्डल, श्रीनाथद्वारा  की ओर से आयोजित राष्ट्रीय कहानी प्रतियोगिता के हाड़ौती क्षेत्र के प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण और हॉप सोसायटी द्वारा  "मानसिक स्वास्थ्य की साहित्य सृजन में भूमिका " पर साहित्यकारों की कार्यशाला का आयोजन रविवार को अग्रवाल न्यूरो साइकेट्री सेंटर जवाहर नगर के सभागार में सम्पन्न हुआ। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती और गणपति के पूजन एवं महेश पंचोली की गणेश वंदना से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। 

      समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.एम.एल.अग्रवाल ने कहा कि 

सकारात्मक चिंतन, निरंतर क्रियाशीलता और सृजनात्मक वृति मनुष्य को तनाव से दूर रख कर अवसाद से तो बचती ही है आत्महत्या करने जैसे घातक परिणामों से भी रोक कर स्वास्थ मानसिकता के विकास में सहायक बनती है।

 डॉ. अग्रवाल ने कहा कि साहित्यकारों ने कविताओं के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए अच्छे संदेश दिए है। उन्होंने बताया कि हॉप सोसायटी के द्वारा अब तक 12 हजार से लोगों को परामर्श दे कर आत्महत्या करने से रोकने में सफतला प्राप्त की है। उन्होंने आत्महत्या के कारण और निवारण के साथ - साथ मानसिक स्वास्थ्य पर विस्तार से जानकारी देते हुए समाजोपयोगी सृजन पर बाल दिया।

        मुख्य वक्ता कथाकार एवं समीक्षक विजय जोशी ने अच्छे साहित्य सृजन करने में स्वास्थ मानसिकता के अंतर्संबंधों पर उदाहरण सहित विस्तार से प्रकाश डाल ते हुए कहा समाज में ऐसे कई व्यक्तित्व हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने वैचारिक सम्बल एवं सांस्कृतिक संस्कारों के चलते  विकट समय में भी रचनात्मकता को समृद्ध किया है। सृजन की धारा को विद्यमान रख कर आज भी समर्पित भाव से रचनात्मक सन्दर्भों को गति ही नहीं दे रहे वरन्  समृद्ध भी कर रहे हैं। आज का यह समारोह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है कि सृजन और स्वास्थ्य के विविध आयामों को उभारते हुए एक दिशाबोधक मार्ग प्रशस्त किया है। " 

       समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार रामेश्वर शर्मा ' रामू भैया ' ने साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा का परिचय देते हुए  सृजनात्मक लेखन से समाज हित को उभारने के प्रयास करने पर बल दिया । उन्होंने साहित्य मंडल की ओर से निकट भविष्य में राष्ट्रीय बाल कहानी और बाल कविता प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की घोषणा भी की ।  

      विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार  जितेन्द्र  निर्मोही ने कहा कि  रचनात्मक परिवेश के निर्माण से ही निरन्तर सृजन-जोत को अखण्ड रखा जा सकता है। विशिष्ठ अतिथि एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा कि अधिरोपित एक ही  उद्देश्य की तरफ किसी को झोंकना अवसाद के सबसे कारण है इससे मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। 

  कविता पाठ :

  रेखा पंचोली, रेणु सिंह राधे, गरिमा राकेश गर्विता, महेश पंचोली, संजू श्रृंगी, पल्लवी दरक, डॉ. इंदु बाला शर्मा, सलीम स्वतंत्र, मोहन वर्मा, डॉ. सुशीला जोशी , रीता गुप्ता, हेमराज हेम, आदि में मानसिक स्वस्थ एवं आत्महत्या रोकथाम विषयों पर  संदेश परख सार्थक कविता पाठ किया। 

     संयोजक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि साहित्य मंडल के प्रमुख श्याम प्रकाश देवपुरा की पहल पर आयोजित राष्ट्रीय कहानी प्रतियोगिता में 10 राज्यों के 123 प्रतियोगियों ने भाग लिया है।

ये हुए पुरस्कृत

कहानी प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. इंदु बाला शर्मा और विजय जोशी का सम्मान सहित हाड़ौती अंचल के प्रतिभागी दिनेश विजयवर्गीय, डॉ.सुलोचना शर्मा ,राजेंद्र  प्रसाद शान्तेय ,  रेखा सक्सेना , रेखा पंचोली ,

संजू श्रृंगी, हेमराज सिंह ' हेम ',प्रज्ञा गौतम ,  टीकम ढोडरिया,  राधा तिवारी, महेश पंचोली,राम शर्मा' ',मोहन वर्मा, वर्मा, नीलू सिसोदिया,राम मोहन कौशिक, रश्मि वैभव गर्ग,रेखा शर्मा,  विष्णु शर्मा 'हरिहर ',डॉ रघुराज सिंह कर्मयोगी ,योगमाया शर्मा, रीता गुप्ता ' रश्मि , डॉ रंजना शर्मा,  प्रार्थना भारती रेणु सिंह ' राधे ', राकेश कुमार नैयर, अल्पना गर्ग,  गरिमा राकेश ' गर्वित ',  डॉ.अपर्णा पाण्डेय, डॉ. वैदेही गौतम, डॉ.संगीता देव,सलीम "स्वतंत्र", सुरेश चंद्र निगम,डॉ.संगीता सिंह, क डॉ.नेहा प्रधान, स्मृति शर्मा, डॉ.श्रीमती युगल सिंह, प्रतिमा पुलक,आकांक्षा शर्मा, रूप जी रूप, विजय कुमार शर्मा, सुमनलता शर्मा, कविता गांधी,ममता महक,सुमन माली, डां.हेमलता गांधी ,  डॉ. शशि जैन, कोटा,, एकता शर्मा  कोटा, डॉ.सुशीला जोशी, श्यामा शर्मा, अर्चना शर्मा, पल्लवी दरक न्याति,  अंजना मनोज गर्ग,डॉ.अर्चना शर्मा, डॉ. संगीता सिंह, कोटा को मोतियों का कंठहार पहना कर प्रशस्ति पत्र और और उपहार स्वरूप साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। 


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.