रामसर वेटलैंड सिटी मान्यता पर संवाद

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Published on : 22 Sep, 25 10:09

रामसर वेटलैंड सिटी मान्यता पर संवाद

उदयपुर के मास्टर प्लान, टूरिज्म प्लान, इंडस्ट्री डेवलपमेंट प्लान को संशोधित कर  वेटलैंड संरक्षण  केंद्रित बनाया जाये 

रविवार को हुए झील संवाद में झील प्रेमियों ने  वेटलैंड सुरक्षा पर व्यापक चर्चा की । 

झील संरक्षण समिति से जुड़े विशेषज्ञ डॉ अनिल मेहता ने कहा कि  रामसर वेटलैंड सिटी प्रमाण पत्र  केवल कागज का टूकड़ा  नहीं  होकर  एक  गंभीर  जिम्मेदारी  है। मेहता ने कहा  कि वेटलैंड सिटी मान्यता के पश्चात सरकार व प्रशासन सरकार व प्रशासन को उदयपुर के मास्टर प्लान, टूरिज्म प्लान, इंडस्ट्री डेवलपमेंट प्लान को संशोधित कर उन्हें वेटलैंड संरक्षण  केंद्रित बनाना चाहिए। 

झील प्रेमी तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि विगत  9 सितंबर को  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने  उदयपुर जिला प्रशासन को रामसर वेटलैंड सिटी  प्रमाण पत्र प्रदान किया ,  और  यह अपेक्षा   थी कि  प्रमाण पत्र प्रशासन को  वेटलैंड  संरक्षण के पहलुओं के प्रति जागृत करेगा। लेकिन, अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

पर्यावरण विद नंद किशोर शर्मा ने कहा प्रशासन को वेटलैंड संरक्षण नियम 2017 को लागू कर सभी झीलों, तालाबों के जोन  ऑफ इंफ्लूएंस का निर्धारण कर उनमें पर्यावरण प्रतिकूल गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए।

शिक्षाविद कुशल रावल ने कहा कि   झीलों,तालाबों के हाइड्रोलॉजिकल,   पर्यावरणीय तथा पारिस्थितिकीय तंत्र की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है तथा उन्हें केवल पर्यटक स्थल मान लिया गया है।

वरिष्ठ नागरिक द्रुपद सिंह ने कहा कि झीलों को केवल पानी के टैंक मानकर उनकी जैव विविधता के संरक्षण को नजरअंदाज करना उदयपुर के भविष्य के लिए खतरनाक है।

संवाद से पूर्व पिछोला छोर पर श्रमदान कर कचरे, गंदगी इत्यादि को हटाया गया।


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