केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोतीलाल ओसवाल ज्ञानदीप भवन और मोतीलाल ओसवाल ज्योतिसदन का शिलान्यास किया

( 1699 बार पढ़ी गयी)
Published on : 22 Sep, 25 08:09

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोतीलाल ओसवाल ज्ञानदीप भवन और मोतीलाल ओसवाल ज्योतिसदन का शिलान्यास किया
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन  द्वारा राजस्थान के पहले दृष्टिबाधित डिग्री कॉलेज व महिला छात्रावास बनाने की परियोजना की शुरुआत 

उदयपुर :भारत के गृहमंत्री, अमित शाहराजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में मोतीलाल ओसवाल ज्ञानदीप भवन – दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए कॉलेज भवन तथा मोतीलाल ओसवाल ज्योतिसदन – दृष्टिबाधित छात्राओं के लिए छात्रावास की आधारशिला रखी। ये दोनों ही महत्वपूर्ण परियोजनाएँ दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को समर्पित हैं। मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सामाजिक कल्याण के प्रति समर्पण और प्रतिबद्धता के फलस्वरूप बने ये दोनों ही भवन दृष्टिबाधितों के लिए बने राजस्थान के प्रथम डिग्री कॉलेज और छात्राओं के लिए विशेष छात्रावास की स्थापना को दर्शाते हैं। कार्यक्रम का आयोजन जोधपुर के चोखा के नेत्रहीन विकास संस्थान में हुआ। मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के अध्यक्ष मोतीलाल ओसवाल, नेत्रहीन विकास संस्थान की संस्थापिका एवं अध्यक्षा श्रीमति सुशीला बोहरा,  पारसमल बोहरा कॉलेज के अध्यक्ष अनिल बोहरा और अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। मोतीलाल ओसवाल ज्ञानदीप भवन में हिंदी साहित्य, इतिहास, राजनीति विज्ञान, संस्कृत, संगीत और समाज-शास्त्र जैसे विषयों में स्नातकस्तर का अध्ययन उपलब्ध होगाा। इस महाविद्यालय का भवन 1,580 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें 10 अत्याधुनिक कक्षाएँ होंगी। मोतीलाल ओसवाल ज्योतिसदन, महिला छात्रावास 1750 वर्ग मीटर में स्थित है जिसमें 28 कमरे उपलब्ध होंगे। यहाँ भारत भर से आने वाली दृष्टिबाधित छात्राओं के लिए रहने, खाने और आवागमन की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध होगी। इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षा पथ पर आने वाली मुसीबतों को हटाकर उन्हें उच्च शिक्षा देना तथा उनकी आत्म-निर्भरता बढ़ाना है।

 

मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि ‘सीखो, कमाओ और लौटाओ’ के हमारे दर्शन ने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया है। समानता और सशक्तिकरण की नींव शिक्षा ही है। जोधपुर में ये सुविधाएँ उपलब्ध कराने के पीछे हमारा लक्ष्य एक ऐसी दुनिया के निर्माण में सहयोग देना है जहाँ दृष्टिबाधित होना शैक्षणिक उत्कृष्टता और पेशेवर सफलता के लिए कभी बाधक न बने। मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के न्यासी रामदेव अग्रवाल ने कहा कि हमारा मानना है कि प्रयासों का निवेश वहीं करना चाहिए जहाँ उनकी सबसे ज़्यादा जरूरत हो। जोधपुर के इन संस्थानों के माध्यम से हम भारत के दृष्टिबाधित युवाओं को विकास, सफलता और आत्मनिर्भर जीवन के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध कराना चाहते हैं। सुशीला बोहरा ने कहा कि, “देने का एक प्रकार ऐसा भी होता है, जो भविष्य की कई पीढ़ियों के पथ को प्रकाशित कर देता है। 1977 में मात्र दो बच्चों से हुई शुरुआत से लेकर नेत्रहीन विकास संस्थानअब आठ संस्थाओं में विस्तारित हो चुका है जहाँ यह लगभग 1250 विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन के लिए शिक्षा और कौशल प्राप्त करने में मदद कर रहा है। इन विद्यार्थियों में दृष्टि, श्रवण, मूक और विकसात्मक रूप से दिव्यांग  विद्यार्थी शामिल हैं। हम मोतीलाल ओसवाल ज्ञानभवन और ज्योतिसदन के लिए दी गई सहायता के लिए मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन की प्रशंसा करते हैं और आशा करते हैं कि विभिन्न समुदायों और मानवता के उत्थान के इस महत्वपूर्ण कार्य को यह फाउंडेशन निरंतर करता रहेगा। यह कॉलेज और छात्रावास मिलकर 250 विद्यार्थियों की सेवा कर सकेंगे, जिसमें शैक्षणिक और कंप्यूटर शिक्षा, ब्रैल लीपि के साधन, स्क्रीन रीडर, और ई-पुस्तकालय की सुविधाएँ तथा सांस्कृतिक, खेल-कूद और नेतृत्व प्रशिक्षण की गतिविधियाँ भी शामिल हैं। मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन ने भारतभर में समावेशी शिक्षा और सामुदायिक उत्थान के लिए अनेकों कार्य किए हैं। ज्ञानदीप भवन और ज्योतिसदन के साथ यह फाउंडेशन ऐसे संस्थान बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को निरंतर रखने का कार्य कर रहा है जो सभी को शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध करा के आने वाली पीढ़ियों के जीवन को बदलने में सक्षम हों।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.