कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा के वक्तव्य और विधि विरुद्ध निष्कासन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

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Published on : 18 Sep, 25 07:09

कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा के वक्तव्य और विधि विरुद्ध निष्कासन के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

उदयपुर, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय संविदा/एस.एफ.एस. कर्मचारी संगठन (भारतीय मजदूर संघ) ने आज की आपात बैठक में विश्वविद्यालय में व्याप्त विषम परिस्थितियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। यह बैठक अशोक नगर स्थित श्री आचार्य तरुण सागर जैन भवन में आयोजित की गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए संगठन अध्यक्ष श्री नारायण लाल सालवी ने कहा कि कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा एक संगोष्ठी में मुगल आक्रांता औरंगजेब और अकबर को कुशल प्रशासक बताना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “मेवाड़ का गौरवशाली इतिहास पूरे भारतवर्ष में सम्मानित है। ऐसे में किसी बाहरी राज्य से आई व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की ‘मुगलिया सोच’ थोपने का प्रयास, मेवाड़ की अस्मिता को ठेस पहुँचाने वाला है।”

सालवी ने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय की संविदा कर्मचारी श्रीमती किरण तंवर की राजपूती पोशाक को ‘नगर वधू की पोशाक’ बताकर अपमान किया गया। संगठन ने इसे सांस्कृतिक गरिमा का उल्लंघन बताया। इसी के साथ छात्रों का विधि-विरुद्ध निष्कासन भी एक गंभीर विषय बताया गया, जिसकी संगठन ने घोर निंदा की।

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि कर्मचारियों की पाँच सूत्रीय माँगें अब तक लंबित हैं। कर्मचारियों के कार्यादेश केवल 30 सितम्बर 2025 तक ही प्रभावी हैं। यदि प्रशासन ने समय रहते आदेश जारी नहीं किए, तो संगठन को 1 अक्टूबर 2025 से पुनः धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

बैठक में सभी पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। श्री करणी सेना के संभागीय अध्यक्ष डॉ. परमवीर सिंह दुलावत ने भी सभा को संबोधित करते हुए कर्मचारियों की माँगों का समर्थन किया और विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी।

अंत में, संगठन अध्यक्ष श्री सालवी ने कहा कि करणी सेना तथा अन्य सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा किए गए उदयपुर बंद के आव्हान को पूर्ण समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि संगठन न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि मेवाड़ की गरिमा और छात्रों के भविष्य के लिए भी हर संभव संघर्ष करेगा।


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