उदयपुर, उदयपुर की धरती ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान दर्ज कराई है। हिंता गांव के मूल निवासी और विश्व प्रसिद्ध जल अभियंता एवं वैज्ञानिक डॉ. बसंत माहेश्वरी को उनकी अनूठी पहल ‘मारवी’ के लिए ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस व कम्युनिटी एलायंस (IBCA) की ओर से इबाका अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
डॉ. माहेश्वरी ने उदयपुर के आसपास स्थित गांवों—हिंता, धारता, सुंदरपुरा, बड़गांव और वरनी में जल प्रबंधन के तकनीकी एवं सामाजिक प्रयोग किए, जिसने पूरी दुनिया को पानी के सतत उपयोग की नई दिशा दिखाई। इसी योगदान के लिए अभियंता दिवस पर विद्या भवन पॉलिटेक्निक में आयोजित समारोह में उनका अभिनंदन किया गया।
“आत्मनिर्भर गांवों से ही बनेगा आत्मनिर्भर भारत”
समारोह में अपने विचार साझा करते हुए डॉ. माहेश्वरी ने कहा—
"भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे पहले हमारे गांवों का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। जल और मिट्टी का कुशल प्रबंधन आज समय की सबसे बड़ी मांग है। अभियंताओं को केवल तकनीकी दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय समझ के साथ कार्य करना होगा।"
युवाओं और अभियंताओं का आह्वान
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने कहा कि युवाओं को अपने कौशल को बढ़ाते हुए स्वावलंबी समाज निर्माण में योगदान देना चाहिए।
पूर्व विद्यार्थी संस्था के उपाध्यक्ष जय प्रकाश श्रीमाली ने अभियंता वर्ग से प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण को जीवन का ध्येय बनाने का आह्वान किया।
डॉ. प्रफुल्ल भटनागर (केवीके प्रमुख वैज्ञानिक) और डॉ. सुषमा जैन (वीबीआरआई वैज्ञानिक) ने भी जल एवं मिट्टी प्रबंधन को आत्मनिर्भर भारत का आधार बताया।
समारोह में विशेष गतिविधियाँ
इस अवसर पर इंजीनियरिंग विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए और पोस्टर के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में इंजीनियरिंग की भूमिका को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का संयोजन भुवन आमेटा ने किया। आयोजन में विद्या भवन पूर्व विद्यार्थी संस्था, आईईआई, आईएसटीई स्टूडेंट चैप्टर्स, पीएसजी इको क्लब तथा विद्या कृषि विज्ञान केंद्र का योगदान रहा।