एसपीएसयू ने वाई.पी. सिंघानिया स्मृति व्याख्यान के साथ इंजीनियर दिवस मनाया

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Published on : 15 Sep, 25 14:09

एसपीएसयू ने वाई.पी. सिंघानिया स्मृति व्याख्यान के साथ इंजीनियर दिवस मनाया


भारत के महान अभियंता और भारत रत्न एम. विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर, जिसे देशभर में इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है, सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय (एसपीएसयू), उदयपुर ने 15 सितम्बर, 2025 को संस्थापक कुलाधिपति, स्वर्गीय श्री यदुपति सिंघानिया जी की पुण्य स्मृति में छठी वाई.पी. सिंघानिया स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति एवं अध्यक्ष, प्रो. (डॉ.) पृथ्वी यादव के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि, डॉ. पी. जयशंकर, मुख्य वैज्ञानिक, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी (IICB) का हार्दिक स्वागत किया। प्रो. यादव ने स्वर्गीय श्री यदुपति सिंघानिया जी के दूरदर्शी नेतृत्व को श्रद्धांजलि अर्पित की और इंजीनियर दिवस को नवाचार, राष्ट्र-निर्माण और तकनीकी प्रगति का उत्सव बताया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि एसपीएसयू छात्रों में अनुसंधान, रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमता को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके बाद डॉ. पी. जयशंकर ने “स्मॉल मॉलिक्यूल्स द्वारा आनुवंशिक रोगों का उपचार: फ़्राइडरिख़्स एटैक्सिया और दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के लिए एक नया प्रतिमान” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने विचारोत्तेजक व्याख्यान में डॉ. जयशंकर ने दुर्लभ आनुवंशिक रोगों के उपचार में स्मॉल मॉलिक्यूल-आधारित उपचारों की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और प्रौद्योगिकी का संगम स्वास्थ्य सेवा में नए प्रतिमानों को जन्म दे रहा है। शोध निष्कर्षों और अध्ययनों के माध्यम से उन्होंने दर्शाया कि वैज्ञानिक नवाचार विश्वभर के लाखों रोगियों के लिए नई आशा प्रदान कर रहा है। डॉ. जयशंकर ने आनुवंशिक अनुसंधान के भविष्य और इसके अंतर्विषयक अनुप्रयोगों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
प्रो. प्रसून चक्रवर्ती, प्रो वाइस चांसलर ने छात्रों को अनुसंधान और नवाचार में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। प्रो. नवीन कुमार ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में कैंपस डायरेक्टर, रजिस्ट्रार, डीनगण, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही, जिनकी उत्साहपूर्ण सहभागिता ने समारोह के शैक्षणिक वातावरण को और समृद्ध बना दिया।
यह स्मृति व्याख्यान न केवल स्वर्गीय श्री यदुपति सिंघानिया जी की विरासत को नमन करता है, बल्कि एसपीएसयू की इस दृष्टि को भी पुनः पुष्ट करता है कि विश्वविद्यालय नवाचार, शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामाजिक योगदान को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है।

 


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