झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन को लगेंगे नए पंख 

( 442 बार पढ़ी गयी)
Published on : 15 Sep, 25 04:09

झीलों की नगरी उदयपुर में पर्यटन को लगेंगे नए पंख 

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

 

राजस्थान की उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने झीलों की नगरी उदयपुर में वाटर शो और लाइट एंड साउंड शो की संभावनाएं तलाशने को कहा है। साथ ही दक्षिणी राजस्थान के इस खूबसूरत शहर में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी निर्देश दिए है। उन्होंने उदयपुर की झीलों और प्राकृतिक सौंदर्य के संरक्षण पर विशेष जोर दिया। दिया कुमारी ने दक्षिणी राजस्थान के इस आदिवासी अंचल में जनजातीय टूरिज्म सर्किट के विकास के लिए स्थानीय स्थलों को जोड़ने की योजना के साथ ही मेवाड़ शिरोमणि महाराणा प्रताप ट्यूरिस्ट सर्किट की प्रगति के बारे में भी समीक्षा की। उन्होंने जल्द ही इस प्रोजेक्ट शिलान्यास के संकेत भी दिए।

दिया कुमारी ने अधिकारियों को  दिशा-निर्देश दिए है कि दीपावली से पहले शहर और आसपास की सभी खराब सड़कें दुरुस्त करने के सख्त निर्देश दिए है।

 

दक्षिण राजस्थान का विश्व विख्यात झीलों का यह शहर उदयपुर अपनी नैसर्गिक सुंदरता, झीलों और महलों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है।  उदयपुर शहर अपनी खूबसूरत झीलों, सुंदर महलों और प्राकृतिक सुंदरता के कारण जग प्रसिद्ध है,जिसके कारण इसे 'वेनिस ऑइसे पूर्व का वेनिस भी कहा जाता है। यह केवल ऐतिहासिक धरोहरों का शहर ही नहीं,बल्कि शिक्षा,स्वास्थ्य,अवसंरचना और पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर विकसित होता हुआ एक आधुनिक नगर भी है। उदयपुर का पर्यटन शहर की आत्मा  और आर्थिक प्रगति की रीढ़ है। दरअसल उदयपुर का सबसे बड़ा आकर्षण उसका पर्यटन ही है। देश विदेश के लाखों पर्यटक इस शहर की सुन्दर आभा का लुफ्त उठाने आते है। उदयपुर के ऐतिहासिक स्थल जगदीश मंदिर, सिटी पैलेस,फतेहसागर,स्वरूप सागर,पिछौला,दूध तलाई,महाराणा प्रताप स्मारक, लेक पैलेस, जग मन्दिर,,बागौर की हवेली,भारतीय लोककला मण्डल,सहेलियों की बाड़ी,सज्जनगढ़ मानसून पैलेस,आयड सभ्यता और उदय सागर जैसे पर्यटन स्थल सैलानियों को अतीत की शान से परिचित कराती हैं। यहां के सांस्कृतिक उत्सव मेवाड़ महोत्सव, शिल्पग्राम उत्सव और गणगौर जैसे पर्व विदेशी और देशी पर्यटकों को स्थानीय लोककलाओ और परंपराओं से जोड़ते हैं। यहां की झीलें और इको-टूरिज़्म बेमिसाल है। झील सफारी, बायोलॉजिकल पार्क, ट्रैकिंग और हेरिटेज वॉक जैसी गतिविधियाँ शहर को एक आधुनिक पर्यटन गंतव्य बना रही हैं।

यहां के लग्ज़री होटल और डेस्टिनेशन वेडिंग्स स्थल तथा झील किनारे के विश्व-स्तरीय होटल और महल आज उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय शादी और सम्मेलन स्थल बना चुके हैं।

 

पर्यटन के साथ-साथ उदयपुर ने इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा,स्वास्थ्य और उद्योगों में भी कदम बढ़ाए हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत झीलों का संरक्षण, नई सड़कों,आधुनिक यातायात प्रबंधन और पार्किंग प्लाज़ा पर काम के प्रयास किए गए है।

उदयपुर शहर के निकट महाराणा प्रताप हवाईअड्डा (डबोक) का विस्तार और नई उड़ानों की कनेक्टिविटी बढ़ाई गई है। इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के प्रयास भी किए जा रहे है।

 

उदयपुर शहर शिक्षा और स्वास्थ्य नगरी भी है । यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, सीटीएई, आई आई एम के साथ ही यहां एमबी हॉस्पिटल और  मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थानों है जो इस नगर को शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्र बनाता है। उदयपुर शहर अपने उद्योगों के कारण भी जग प्रसिद्ध है। हिन्दुस्तान जिंक, पत्थर-ग्रेनाइट उद्योग, पर्यटन एवं आतिथ्य सेवाएँ और नए स्टार्टअप्स शहर को रोजगार और निवेश का हब बना रहे हैं।

 

उदयपुर के सामने कुछ बड़ी चुनौतियाँ भी हैं ।

शहर में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से झीलों में प्रदूषण और अतिक्रमण का खतरा है। नगर की संकरी गलियों में यातायात और पार्किंग की समस्या है।सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बनाना भी एक बड़ी चुनौती है। हालांकि उदयपुर में भविष्य की संभावनाएँ उज्ज्वल है। हेरिटेज के साथ स्मार्ट सिटी मॉडल से उदयपुर ऐसा उदाहरण बन सकता है जहाँ परंपरा और आधुनिकता साथ-साथ चलें।

 

साथ- साथ ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जा रहे है। झीलों के आसपास के गाँवों में होम-स्टे, लोक-कलाओं के केंद्र और स्थानीय उत्पादों से रोजगार बढ़ाया जा रहा है।

ग्रीन मोबिलिटी के लिए इलेक्ट्रिक बसें, साइकिल-शेयरिंग और पैदल मार्ग पर्यटन को पर्यावरण-संवेदी बनाएँ ऐसे प्रयास किए जा रहे है। उदयपुर पहले ही डेस्टिनेशन वेडिंग का हॉटस्पॉट है,अब यह वैश्विक सम्मेलन एवं मीटिंग उद्योग की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।

इस प्रकार उदयपुर ने अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, अवसंरचना और पर्यटन में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। कई चुनौतियों के बावजूद यह शहर झीलों के संरक्षण, यातायात और स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाए तो उदयपुर न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत में एक आदर्श पर्यटन और विकास मॉडल बन उभरने की ओर अग्रसर है।

 

राजस्थान सरकार प्रदेश में बारह मास तक पर्यटन  गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के भरपूर प्रयास में जुटी हुई है। उम्मीद है कि यह प्रयास प्रदेश के पर्यटन को नए पंख लगायेगी।

---


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.