विद्या भवन में कैंब्रिज के प्रमुख वैज्ञानिकों का  "व्हाट मेकस  अस ह्यूमन" विषय पर  उद्बोधन 

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Published on : 14 Sep, 25 16:09

विज्ञान, जिज्ञासा,  विस्मय से परिपूर्ण व्याख्यान में कैंब्रिज में हुई खोजों को किया प्रस्तुत 

विद्या भवन में कैंब्रिज के प्रमुख वैज्ञानिकों का  "व्हाट मेकस  अस ह्यूमन" विषय पर  उद्बोधन 

उदयपुर, विद्या भवन ऑडिटोरियम में रविवार को आयोजित व्याख्यान में कैंब्रिज  के दो  प्रमुख वैज्ञानिकों ने मानव जीवन विकास, कैंसर तथा स्नायु रोगों के निदान पर हुई नई खोजों को प्रस्तुत किया। जीव विज्ञान  से जुड़े शोधार्थियों , शहर के प्रमुख चिकित्सकों सहित आम नागरिकों ने  विज्ञान, विस्मय तथा रोग निदान की नई आशाओं के साथ  कार्यक्रम में सहभागिता की


कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की प्रो वाइस चांसलर, विश्व प्रसिद्ध जीव विज्ञानी प्रो एना फिलपॉट ने अपने उद्बोधन में 
मेंढक और मानव भ्रूण के बीच समानताओं को समझाते हुए   अपने शोध परिणामों  के आधार पर कहा कि   ए एस  सी एल एक (ASCL  1 )नामक प्रोटीन कोशिकाओं के मध्य संतुलन स्थापित कर कैंसर  निदान में प्रभावी भूमिका निभाता है। उन्होंने  कहा कि नवीन खोजों से बच्चों के कैंसर की रोकथाम व उपचार  में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।   

कैम्ब्रिज के गुरडन संस्थान के निदेशक प्रो बेंजामिन साइमंस ने 
 मानव विज्ञान की यात्रा को पहले  टेस्ट-ट्यूब बेबी से लेकर 1950 के दशक में आए क्लोनिंग तक समझाया। उन्होंने   एंब्रायोनिक स्टेम सेल्स और जीन एडिटिंग तकनीक की जानकारी  को प्रस्तुत करते हुए कहा कि   सही परिस्थितियों में एक अकेली कोशिका से संपूर्ण मानव जीवन  को विकसित किया जा सकता है। 

दोनों वैज्ञानिकों ने कहा  कि विकासात्मक जीव विज्ञान में, हमारा वर्तमान ज्ञान खमीर, कीट, और मेंढक से लेकर मक्खियों, मछलियों और चूहों  के अध्ययन  पर केंद्रित रहा लेकिन  मनुष्यों की कुछ विशिष्ट विशेषताएँ  जैसे उनका आकार ( साइज) ,गति( टेंपों) , और  जीवन प्रत्याशा ( लॉन्जेटिविटी ), उन्हें अन्य जीवों से अलग बनाती है ।     इस तथ्य को ध्यान में रख अब  कोशिकाओं की    प्रोग्रामिंग,  स्टेम सेल तकनीकी,  क्लोनिंग, भ्रूण ट्रांसफर तथा जेनेटिक मोडिफिकेशन से अनेक रोगों को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।

प्रारंभ में विद्या भवन  सोसायटी के अध्यक्ष डॉ जे के तायलिया, मुख्य संचालक राजेंद्र भट्ट ने दोनों वैज्ञानिकों का अभिनन्दन कर  उनके विद्या भवन  में आने को एक बड़ा सौभाग्य बताया। शिक्षाविद डॉ शशांक वीरा ने व्याख्यान की विषयवस्तु को रेखांकित करते हुए वैज्ञानिकों का परिचय प्रस्तुत किया।

 मंच पर उपस्थित आई आई एम के पूर्व निदेशक जनत शाह, बी एन विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट  चेतन सिंह चौहान,   एम डी एस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ के सी सोडाणी   ने प्रो एना तथा प्रो बेंजामिन का उदयपुर के शैक्षिक व चिकित्सा जगत की  ओर से  स्वागत किया। 

कार्यक्रम में  सहित आर एन टी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ एफ एस मेहता, कैंसर विशेषज्ञ डॉ गरिमा मेहता, 
अनंता मेडिकल यूनिवर्सिटी के  नारायण सिंह राव,  पूर्व आई एफ एस  इंद्रपाल सिंह मथारू , चिकित्सक डॉ रामाकृष्णन, डॉ चिरायु पामेचा सहित मेडिकल विश्वविद्यालयों के अनेक चिकित्सक , शोधार्थी उपस्थित रहे। संचालन वी बी आर आई की निदेशिका प्रो. कनिका शर्मा ने किया।


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