उदयपुर, 1 भारतीय कालगणना और ज्योतिष की वैज्ञानिकता, सटीकता और विविध रूपी उपादेयता पर दो दिवसीय वैश्विक मंथन शनिवार से उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में शुरू होने जा रहा है। देवस्थान विभाग राजस्थान, प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’एवं संस्कृति विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 13 व 14 सितम्बर को होने वाले इस मंथन में इसमें देश-विदेश से ख्यातनाम विद्वान, पंचांगकर्ता, कालगणना विशेषज्ञ और ज्योतिषाचार्य भाग लेंगे। विद्वानों के पहुंचने का क्रम शुक्रवार दोपहर से शुरू हो गया। इस बीच संगोष्ठी की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि “भारतीय कालगणना, पंचांग और ज्योतिष”विषय पर होने जा रही यह अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी इतिहास और कालगणना के अटूट संबंध को केन्द्र में रखते हुए भारतीय काल अवधारणा और उसके वैज्ञानिक, दार्शनिक व सांस्कृतिक आयामों को समझाने का प्रयास करेगी। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में भारतीय कालगणना, पंचांग की तिथि गणना, ग्रह गणना, मुहूर्त, ज्योतिष और हेलियोबायोलॉजी पर गहन चर्चा होगी। ज्योतिष में वनस्पतियों की उपादेयता और रोगों में ज्योतिष की उपादेयता पर भी चर्चा होगी।
संगोष्ठी के संयोजक धीरज बोड़ा ने बताया कि संगोष्ठी का उद्घाटन शनिवार प्रातः 10 बजे होगा। इसमें मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम होंगे। मुख्य अतिथि देवस्थान विभाग मंत्री जोराराम कुमावत और विशिष्ट अतिथि उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव होंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डिम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय) उदयपुर के कुलपति कर्नल एस.एस. सांगरदेवोत करेंगे।
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने बताया कि संगोष्ठी में देवस्थान विभाग राजस्थान के शासन सचिव कृष्णकांत पाठक, आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी, अतिरिक्त आयुक्त अशोक सुथार, उपायुक्त सुनील मत्तड़, सहायक आयुक्त जतिन कुमार गांधी, निरीक्षक शिवराज सिंह राठौड़, प्रबंधक सुमित्रा सिंह भी अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
पहले दिन आचार्य दार्शनय लोकेश (नोएडा), रवि शंकर (नई दिल्ली), डॉ. भारत भूषण ओझा (उदयपुर), डॉ. ज्योति बाबू जैन (उदयपुर), सुमत कुमार जैन (उदयपुर) और सुरेन्द्र कुमार बिष्ट (मुंबई) भारतीय कालगणना पर विचार रखेंगे। इसके बाद पंचांग व तिथि गणना पर आचार्य प्रमोद (नेपाल), आलोक शर्मा (गाजियाबाद) और डॉ. अरुण उपाध्याय (भुवनेश्वर) वक्तव्य देंगे। प्रथम दिवस का समापन ज्योतिष और हेलियोबायोलॉजी सत्र से होगा जिसमें डॉ. अरुण प्रकाश (दिल्ली), चन्द्रशेखर पंचोली (उदयपुर) और प्रताप सिंह झाला (उदयपुर) अपने विचार रखेंगे।
सहसंयोजक हिमांशु पालीवाल ने बताया कि दूसरे दिन 14 सितम्बर रविवार को प्रथम व द्वितीय सत्र ‘ज्योतिष: फलित व गणित’विषय पर होंगे। इन सत्रों में उदयपुर, गुजरात और अन्य स्थानों से विद्वान जैसे हरिशचन्द्र शर्मा, मुरलीधर जोशी, डॉ. अलकनंदा शर्मा, भाग्येश दवे, मनीष जोशी, पीयूष दशोरा, अखण्ड प्रताप सिंह और ओम व्यास शामिल होंगे। समापन सत्र दोपहर 2 बजे शुरू होगा। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हनुमान सिंह मुख्य वक्ता होंगे। मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा होंगे। विशिष्ट अतिथि देवस्थान विभाग के प्रमुख शासन सचिव के.के. पाठक होंगे तथा अध्यक्षता वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति उदयपुर के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा करेंगे।
प्रताप गौरव शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. विवेक भटनागर ने बताया कि शुक्रवार को प्रताप गौरव केन्द्र में तैयारी बैठक रखी गई। इसमें बाहर से पहुंचे विद्वानों का स्वागत किया गया और उनके भी सुझाव लिए गए।