आत्मनिर्भर भारत की प्रगति देखने उमड़ रही भीड़

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Published on : 12 Sep, 25 14:09

सांसद एवं विधायक सहित अनेक अधिकारियों ने किया अवलोकन

आत्मनिर्भर भारत की प्रगति देखने उमड़ रही भीड़


उदयपुर। विजुअल मेथ्स संस्था की ओर होटल इन्दर रेजीडेन्सी में आयोजित की जा रही तीन दिवसीय उज्जवल राजस्थान 2.0 प्रदर्शनी के दूसरे दिन हर वर्ग के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। किसानों से लेकर विद्यार्थियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत आम जन प्रदर्शनी प्रदर्शनी में पहुचे। दूसरे ही दिन यह आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा का पहुंच गया।
संस्था के निदेशक वनीष गुप्ता ने बताया कि दूसरे दिन उदयपुर के सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत, शहर विधायक ताराचन्द जैन भी प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंचे। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से प्रदर्शनी में आये प्रतिनिधियों से संवाद किया एवं उनके कार्यों को सराहा। गुप्ता ने बताया कि प्रदर्शनी में किसानों, विद्यार्थियों, उद्यमियों और आमजन को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं एवं नीतियों से जोडऩे का महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
शुक्रवार को मुख्य अतिथियों में सांसद मन्नालल रावत, विघ्धायक ताराचन्द जैन, दीपक शर्मा (महामंत्री, भाजपा), नारायण चौधरी (आधार फाउंडेशन), रघुवीर कुमार वर्मा (समाजसेवी) उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अतिथियों ने कई विभागों के स्टॉल्स का भ्रमण किया और अधिकारियों से संवाद स्थापित किया। इनमें प्रमुख रूप से सीएसआईआर, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा टूरिज्म, सीआईपीइटी, रिको, नेशनल सैंपलिंग सर्वे, सीओाअईआर,केवीआईसी, एनजेबी, नेरामेक, एटॉमिक एनर्जी विभाग तथा आघारकर अनुसंधान संस्थान शामिल रहे। इन विभागों के साथ हुई चर्चाओं ने उद्यमियों, विद्यार्थियों और किसानों को नई संभावनाओं व सरकारी योजनाओं की गहन जानकारी दी। करीब 10 हजार लोगों के इस प्रदर्शनी में शामिल होने से पता चला कि यह प्रदर्शनी न केवल जानकारी का आदान-प्रदान कर रही है बल्कि जन-जन तक योजनाओं को पहुँचाने का सशक्त माध्यम बन रही है।
उन्होंने बताया कि आयोजन में गोवा जलवायु परिवर्तन विभाग,, एलआईसी ऑफ इंडिया तथा टी बोर्ड ऑफ इंडिया और ईसीजीसी लिमिटेड भी जुड़े। 50 से अधिक मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय सहभागिता ने प्रदर्शनी को और अधिक प्रभावी बनाया।
आम जन के लिए उपयोगी साबित हो रहा है गोवा का डीआरएस प्रोजेक्ट-उज्जवल 2.0 प्रदर्शनी में गोवा सरकार की तरफ से आए प्रतिनिधि यश ने बताया कि वह डीआरएस प्रोजेक्ट लेकर वे यहां उपस्थित हुए हैं। इस स्कीम के तहत जो भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्रोडक्ट हैं उनसे पर्यावरण को बचाने एवं जनता को जागरूक करने के लिए एक स्कीम है। उस स्कीम के तहत कोई भी क्यूआर कोड लिखा ऐसे प्रॉडक्ट खरीदता है और उनसे काम होने के बाद वह फिर से उन्हें प्रोडक्ट लौटता है तो उन्हें कुछ राशि फिर से रिफंड हो सकती है। जैसे अगर आप कोई पानी की बोतल खरीदते हैं और उस स्कीम के तहत क्यूआर कोड से पैमेंट करते हैं। मानलो एक पानी की बोतल 30 रू. की है और कस्टमर उसका पूरा पानी खत्म करने के बाद वह बोतल उन्हें फिर से लौटता है तो उन्हें हाथें-हाथ 10 रू. रिफंड हो जाएंगे। इसी तरह से अन्य प्रोडक्ट्स जैसे चिप्स का रैपर हैं, उस पर भी कर क्यूआर कोड अंकित है। कोई भी कंज्यूमर चिप का पैकेट खरीदता है और क्यूआर कोड से पेमेंट करता है और दोबारा वह रेपर लौटाता है तो उन्हें भी एक निश्चित राशि तुरंत रिफंड कर दी जाएगी। कई राज्यों में इस तरह स्कीम्स गोवा सरकार की तरफ से चल रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की यह स्कीम राज्य में शीघ्र ही लागू करेगी। अभी उत्तराखंड के चारों धाम में और हिमाचल प्रदेश में इस स्कीम को लांच किया गया है। अगर यह स्कीम पूरे भारत में लागू होती है तो देश में पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में काफी मदद मिलेगी। इसमें एक नई चीज यह है कि कस्टमर अगर वह बोतल या चिप्स का रैपर कहीं फेंक देता है और आम जनता में से कोई भी उन्हें उठाकर के किसी डीलर को वापस देता है उन्हें भी उन पैसों का लाभ मिल सकता है।


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