उदयपुर। राजस्थान में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये राज्य सरकार द्वारा राजस्थान एमएसएमई पॉलिसी- 2024 को लागू किया गया है।
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि निवेश प्रोत्साहन- 2024 योजना में पात्र इकाईयों को अतिरिक्त ब्याज अनुदान 5 करोड़ तक 2 प्रतिशत, 5 करोड़ से 10 करोड़ तक 1 प्रतिशत एवं 10 करोड़ से 50 करोड़ रूपये तक 0.5 प्रतिशत देय है। सीजीटीएमएसई गारन्टी फीस पुर्नभरण के तहत 5 करोड़ रूपये तक के ऋण पर 100 प्रतिशत पुनर्भरण (07 वर्षों तक), एमएसई प्लेटफॉर्म से फण्ड रेजिंग में सहायता अंतर्गत लघु एवं मध्यम उद्यमों को एकमुश्त 15 लाख रू. की सहायता, टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर अधिग्रहण पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को व्यय का 50 प्रतिशत की सहायता (अधिकतम 5 लाख) की सहायता मानक प्रमाणन (बीआईएस एफएसएसएआई, आईपीआर) के तहत व्यय का 50 प्रतिशत पुनर्भरण सहायता (अधिकतम 3 लाख), राष्ट्रीय-अन्तराष्ट्रीय मेला प्रदर्शनी, बायर-सेलरमिट में मार्केटिंग सहायता के तहत राज्य में स्टॉल रेंट का 75 प्रतिशत (अधिकतम 37500, 3 इवेन्ट प्रतिवर्ष), राज्य से बाहर स्टॉल रेंट का 75 प्रतिशत (अधिकतम 112500, 02 इवेन्ट प्रतिवर्ष), विदेश में स्टॉल रेंट का 75 प्रतिशत (अधिकतम 150000, 1 इवेन्ट प्रतिवर्ष), दो व्यक्तियों का 3 एसी ट्रेन/एसी बस किराया एवं विदेशों हेतु हवाई जहाज इकॉनोमी क्लास का किराया देय होगा। डिजिटलाईजेशन व ई-कॉमर्स सहायता के तहत पीओएस सिस्टम, बारकोड स्केनर, खरीद एवं ई-कॉमर्स प्लेटफार्म फीस का 75 प्रतिशत पुनर्भरण (अधिकतम 50000 पुनर्भरण) आदि वन-स्टॉप समाधान के रूप में राज्य सरकार द्वारा इन्सेन्टिव दिया जाता है। राजस्थान एमएसएमई पॉलिसी- 2024 देय इन्सेन्टिव उद्योगों के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी। योजनान्तर्गत देय लाभ हेतु आवेदन ऑफलाईन जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, उदयपुर से प्राप्त किया जा सकता है।