मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना

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Published on : 08 Sep, 25 07:09

श्रमिकों, रेहड़ी संचालकों और लोक कलाकारों के लिए संबल

मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना

श्रीगंगानगर। माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, रेहड़ी संचालकों और लोक कलाकारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है। इन्हीं प्रयासों की श्रृंखला में राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना-2024 लागू की है। यह योजना उन लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक ठोस कदम है, जो अपने जीवन का बड़ा हिस्सा श्रम और कला के सहारे समाज को देते हैं लेकिन वृद्धावस्था में असुरक्षा का सामना करते हैं।
यह योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है। इसमें 18 वर्ष या अधिक आयु के असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, रेहड़ी संचालक और लोक कलाकार 45 वर्ष आयु होने तक अपने आयु वर्ग के अनुसार मासिक अंशदान करेंगे। राज्य सरकार भी उनके बराबर योगदान देगी। 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर प्रत्येक पात्र लाभार्थी को 3000 रुपये मासिक पेंशन सुनिश्चित रूप से दी जाएगी। यह पेंशन मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन के अतिरिक्त होगी यानी वृद्धावस्था में दोहरी सहायता का लाभ मिलेगा। 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग का राजस्थान का मूल निवासी होना जिसकी मासिक आय 15000 रुपये से अधिक न हो, केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करवाएगा।
पंजीकरण के समय अपना आधार संख्या और बैंक खाता भी अंकित करना होगा। वह किसी अन्य अंशदायी पेंशन योजना जैसे प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन में शामिल न हो तथा आयकर दाता न हो। इस योजना के लिए एक विशेष राज्य पेंशन निधि बनाई गई है, जिसमें श्रमिक व कलाकारों का अंशदान और राज्य सरकार का अंशदान जमा होगा। यह राशि निवेश कर पेंशन फंड के रूप में संरक्षित की जाएगी। यदि कोई सदस्य बीच में योजना छोड़ना चाहे या अंशदान बंद कर दे तो उसके योगदान को ब्याज सहित वापस किया जाएगा। 10 वर्ष से अधिक अंशदान करने वाले सदस्य को बैंक ब्याज दर या वास्तविक अर्जित ब्याज, जो भी अधिक हो, उस पर राशि लौटाई जाएगी।
यदि किसी लाभार्थी की मृत्यु पेंशन प्राप्त करते समय हो जाती है, तो उसके पति/पत्नी को पेंशन का 50 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा। यदि कोई सदस्य 60 वर्ष की आयु से पहले स्थायी रूप से अपंग हो जाता है, तो उसका जीवनसाथी योजना में बना रह सकता है या अंशदान का हिस्सा ब्याज सहित प्राप्त कर सकता है। इस योजना के लिए नोडल विभाग राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग रहेगा और सहयोगी विभाग श्रम विभाग, स्थानीय निकाय, कला एवं संस्कृति विभाग होंगे ।
मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य श्रमिकों और कलाकारों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा देना, पथ विक्रेताओं और असंगठित श्रमिकों को समाज की मुख्यधारा में लाना और उनके परिवारों को संबल और सुरक्षित भविष्य प्रदान करना है। यह योजना न केवल सामाजिक सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी बल्कि राजस्थान के श्रमिकों और लोक कलाकारों को यह भरोसा भी दिलाएगी कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। योजना मे पंजीयन एवं अधिक जानकारी के लिए राज्य बीमा एवं प्रावधानी निधि विभाग की किसी भी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। 


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