उदयपुर, पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय, मावली में कविता एवं कहानी लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार आशा पाण्डेय ओझा ' आशा ' विद्यालय के आमंत्रण पर उपस्थित रहीं। विद्यालय के प्राचार्य श्री घनश्याम मीणा एवं उप प्राचार्या श्रीमती रंजना चौधरी ने उपरना पहनाकर एवं पुष्पगुच्छ भेंट उनका हार्दिक अभिनन्दन किया।
कार्यशाला के अंतर्गत आशा पाण्डेय ने बच्चों को बताया कि कविता एवं कहानी लिखना एक विशिष्ट कला है। कविता या तो छंद, तुक, लय, सुर, ताल में बंधी होती है अथवा अतुकांत भी हो सकती है। दोनों ही प्रकार की कविताओं में अलग-अलग भावानुभूतियों का आनंद लिया जा सकता है। कविता में छंदों के अनुशासन की जानकारी से होकर गुजरना जरूरी है तभी आंतरिक लय का निर्वाह संभव है। आधुनिक कविता में छंद मुक्त कविता का प्रचलन हुआ है जिनमें तुक का निर्वाह नहीं किया जाता। ऐसी कविता को अतुकांत कविता कहा जाता है। उन्होंने समझाया तुकांत कविता में छंद का अनुशासन रहता है। उन्होंने अपने आसपास के परिवेश के विभिन्न विषयों पर बच्चों को कविता कैसे लिखें? यह सिखाया।
इसके साथ ही उन्होंने कहानी के संदर्भ में कहा कि कहानी हमारे जीवन से इतनी निकट या उसका इतना अविभाज्य हिस्सा है कि हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में कहानी सुनता और सुनाता है। हर व्यक्ति में अपने अनुभव बांटने और दूसरों के अनुभव को जानने की प्राकृतिक क्षमता होती है इसलिए हम सब अपनी बात किसी को सुनाना और किसी की सुनना चाहते हैं इसलिए कहा जा सकता है कि हर व्यक्ति में कहानी लिखने का मूल भाव निहित रहता है। कहानी गद्य साहित्य का एक ऐसा प्रकार है जिसमें जीवन के किसी एक प्रसंग किसी एक घटना या मन है स्थिति का वर्णन होता है यह वर्णन अपने आप में पूर्ण होता है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को बहुत सरल तरीके से कहानी लिखने की बारीकियां सिखाईं।
यह कार्यशाला बच्चों के लिए बहुत ही फलदाई सिद्ध हुई। बच्चों को सही तरीके से कविता और कहानी लेखन से जुड़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ। कक्षा छठवीं से 12वीं तक के 60 बच्चों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। अंत में शिक्षिका विमला सोनी ने श्रीमती आशा पाण्डेय ओझा 'आशा' का आभार व्यक्त किया।