डॉ. नेहा प्रधान की पुस्तक ब्रजविलास संग्रहालय : काल और संस्कृति की पदचाप”का विमोचन

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Published on : 05 Sep, 25 11:09

डॉ. नेहा प्रधान की पुस्तक ब्रजविलास संग्रहालय : काल और संस्कृति की पदचाप”का विमोचन

 

कोटा तालेड़ा  राजकीय महाविद्यालय तालेड़ा में इतिहास विषय की सहायक आचार्य डॉ. नेहा प्रधान की नव प्रकाशित पुस्तक “ब्रजविलास संग्रहालय : काल और संस्कृति की पदचाप” का विमोचन गरिमामय समारोह में किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य भामाशाह एवं ख्यातनाम इतिहासकार डॉ. एस. एल. नागौरी, विशिष्ट अतिथि महान शिक्षाविद् डॉ. अरविंद सक्सेना तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बृजकिशोर शर्मा, स्कॉउट गाइड के श्री सुरेन्द मेहरड़ा तथा श्रीमती मधु कुमावत मंचासीन रहे।
      कार्यक्रम में डॉ. नेहा प्रधान ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह उनके लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है कि उनकी पुस्तक का विमोचन उनके तीन गुरुजनों के आशीर्वाद एवं वरदहस्तों से हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि डॉ. अरविंद सक्सेना उनके पीएच.डी. मार्गदर्शक (गाइड) भी रहे हैं, जिन्होंने सदैव उन्हें शोध और लेखन के लिए प्रेरित किया।
    पुस्तक “ब्रजविलास संग्रहालय : काल और संस्कृति की पदचाप” में ब्रजविलास संग्रहालय के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। इसमें संग्रहालय में संरक्षित दुर्लभ कलाकृतियों, शिलालेखों, मूर्तियों, तथा सांस्कृतिक धरोहरों का शोधपरक दृष्टि से गहन विश्लेषण किया गया है। पुस्तक इतिहास प्रेमियों, शोधार्थियों और संस्कृति अध्ययन के विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री के रूप में उपयोगी सिद्ध होगी।
      मुख्य अतिथि डॉ.नागौरी ने कहा कि पुस्तकें हमारी अमूल्य धरोहर हैं क्योंकि यह हमेशा एक पथप्रदर्शक के रूप में हमारा मार्गदर्शन करती हैं इसीलिए अच्छे लेखकों को लेखन कार्य करते रहना चाहिए। प्राचार्य  ने डॉ. नेहा प्रधान की शोधपरक और मौलिक लेखन शैली की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार का कार्य न केवल महाविद्यालय के गौरव को बढ़ाता है, बल्कि विद्यार्थियों को भी शैक्षणिक और सांस्कृतिक शोध में प्रेरित करता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. अरविंद सक्सेना ने कहा कि वर्तमान में इस प्रकार की पुस्तकों की अत्यधिक आवश्यकता है जो विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से पूर्णतया परिचित करवाती है। इस प्रकार के शोध से हमें अपनी संस्कृति और उसकी विशेषताओं को गहराई से जानने का मौका मिलता है।


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