पांच दिवसीय प्राकृतिक खेती कृषि सखी प्रशिक्षण का समापन

( 599 बार पढ़ी गयी)
Published on : 02 Sep, 25 03:09

पांच दिवसीय प्राकृतिक खेती कृषि सखी प्रशिक्षण का समापन

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अन्तर्गत कृषि विभाग एवं राजीविका के सहयोग से आयोजित पांच दिवसी कृषि सखी आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह विद्या भवन कृषि विज्ञान केन्द्र, बड़गांव पर हुआ। इसमें उदयपुर जिले की 60 कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण दिया गया।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्राद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरू डॉ. अजित कुमार कर्णाटक ने प्रतिभागियों के साथ हरित क्रान्ति के कारण खाद्यान में भारत कैसे आत्मनिर्भर हुआ तथा खाद्यान उत्पादन में रिकार्ड उत्पादन के बारे में बताया। डॉ. कर्णाटक ने प्राकृतिक खेती व जैविक खेती के अन्तर बताया। उन्होंने कहा कि बीज को उगाने के डालते ही उस पर नमी आते ही कई दुश्मन खत्म करने आते हैं जिनसे बचने के लिए बीजामृत बना, फिर खाद की कमी को पूरा करने के लिए जीवामृत व घनजीवामृत बने। फिर कीड़ों एवं रोगों से बचाने के लिए नीमास्त्र, अग्निअस्त्र, दशपर्णी अर्क आदि बनाए गए। डॉ. कर्नाटक ने मक्का उत्पादन को बढाने पर जोर दिया।
समारोह में समाजसेवी गजपाल सिंह राठौड ने प्रधानमंत्री के रसायन मुक्त खेती के सपने को बढावा देने तथा गौ आधारित खेती को बढाने का आह्वान किया। प्रधान वैज्ञानिक अटारी डॉ. मोहर सिंह मीणा ने प्राकृतिक खेती की आवश्यकता के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विभिन्न योजनाओं की जानकरी दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख डॉ. पी.सी. भटनागर ने प्रशिक्षण का पूर्ण विवरण दिया। डॉ. भटनागर ने स्वागत करते हुए केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताते हुए प्राकृतिक खेती इकाई की भी जानकारी दी। साथ ही डॉ. भटनागर यह भी कहा कि जमीन स्तर पर प्राकृतिक खेती को धरातल पर ले जाना, अतः इसे सक्रिय रूप में बढ़ावा व योगदान देने की आवश्यकता है व कृषि सखियों को एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने को कहा।
संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार सुधीर वर्मा ने बताया कि रसायन से जो हिंसक खेती हो रही है उसको कम करना है। वर्मा ने क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के पांच बीआरसी केन्द्रों के बारे में बताया। साथ ही कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। जिला परियोजना प्रबंधक, राजीविका ख्यालीलाल खटीक ने राजीविका की आजीविका संवर्धन गतिविधियों के बारे में बताया। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. भगवत सिंह चौहान ने पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण की सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक कालांशों की सम्पूर्ण जानकारी दी तथा शैक्षणिक भ्रमण के बारे में बताया। समापन समारोह में कृषि विभाग से सहायक निदेशक श्याम सालवी व मीताली राठौड, कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. दीपक जैन, हसमुख गेहलोत, डॉ. जीवन राम जाट, डॉ. सीमा डांगी, डॉ. बहादुर सिंह, महिपाल सिंह, धीरेन्द्र व्यास, अचल समदानी, बाबुसिंह, संजय धाकड, सेवा मंदीर से राजेश सेन व मंजरी फाउण्डेशन से नरेश नेन उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन हसमुख गहलोत व डॉ. भगवत सिंह ने किया ने। धन्यवाद श्याम सालवी ने ज्ञापित किया।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.