रिलायंस की एजीएम में एआई, जियो आईपीओ और ग्रीन एनर्जी पर बड़े ऐलान

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Published on : 31 Aug, 25 01:08

गूगल क्लाउड और मेटा के साथ साझेदारी, भारतीय उद्यमों और उपभोक्ताओं के लिए एआई सॉल्यूशंस

रिलायंस की एजीएम में एआई, जियो आईपीओ और ग्रीन एनर्जी पर बड़े ऐलान

मुंबई, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शुक्रवार को अपनी 48वीं वार्षिक आम बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल कनेक्टिविटी और ऊर्जा के क्षेत्र में कई बड़े ऐलान किए। कंपनी ने गूगल क्लाउड के साथ रणनीतिक साझेदारी कर जामनगर में देश का पहला एआई-केंद्रित क्लाउड रीजन बनाने की घोषणा की। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह ग्रीन एनर्जी से संचालित होगा। गूगल क्लाउड अत्याधुनिक एआई कंप्यूटिंग और स्टैक उपलब्ध कराएगा, जबकि रिलायंस क्लाउड सुविधा और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर का संचालन करेगा।




रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्री मुकेश अंबानी ने कहा कि यह साझेदारी भारत को एआई में वैश्विक नेतृत्व दिलाने की नींव रखेगी। इसी कड़ी में कंपनी ने मेटा के साथ 70:30 संयुक्त उद्यम की भी घोषणा की। करीब ₹855 करोड़ के शुरुआती निवेश से यह वेंचर लामा-आधारित एंटरप्राइज़ एआई प्लेटफ़ॉर्म विकसित करेगा, जो भारतीय उद्यमों और छोटे एवं मध्यम व्यवसायों को किफायती एआई सॉल्यूशंस उपलब्ध कराएगा। मेटा के सीईओ मार्क ज़करबर्ग ने इसे भारतीय डेवलपर्स और उद्यमों तक ओपन सोर्स एआई की ताकत पहुँचाने का महत्वपूर्ण कदम बताया।

डिजिटल कनेक्टिविटी के मोर्चे पर चेयरमैन श्री मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि जियो का आईपीओ 2026 की पहली छमाही में आएगा, जिसे उन्होंने निवेशकों के लिए बड़ा अवसर बताया। जियो ने 50 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है और इसके 22 करोड़ से अधिक उपभोक्ता जियो ट्रू 5जी से जुड़े हैं। जियो के चेयरमैन श्री आकाश अंबानी ने कहा कि देश में सबसे तेज़ 5जी रोलआउट के बाद अब कंपनी जल्द ही अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन भी शुरू करेगी।

वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक श्री अनंत अंबानी ने बताया कि जामनगर में बन रहा धीरूभाई अंबानी गीगा एनर्जी कॉम्प्लेक्स टेस्ला की गीगाफैक्ट्री से चार गुना बड़ा होगा। 44 लाख वर्गफुट में फैला यह कॉम्प्लेक्स दुनिया का सबसे बड़ा न्यू और पारंपरिक एनर्जी हब बनेगा। इसके अलावा, गुजरात के कच्छ में 5.5 लाख एकड़ भूमि पर सौर परियोजना विकसित की जा रही है, जो सिंगापुर के आकार से तीन गुना बड़ी होगी और अगले दशक में भारत की लगभग 10% बिजली जरूरतें पूरी करेगी।


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