संवत्सरी पर श्रावक श्र्वविकाओं ने रखे उपवास, की भक्ति

( 2470 बार पढ़ी गयी)
Published on : 27 Aug, 25 14:08

संवत्सरी पर श्रावक श्र्वविकाओं ने रखे उपवास, की भक्ति

उदयपुर। पर्वाधिराज पर्युषण के अंतिम दिन श्वेताम्बर वासुपूज्य मंदिर ट्रस्ट की ओर से सूरजपोल स्थित दादाबाड़ी में बुधवार को संवत्सरी पर्व धूमधाम से मनाया गया। साध्वी विरलप्रभा श्रीजी, साध्वी विपुलप्रभा श्रीजी और साध्वी कृतार्थप्रभा श्रीजी की पावन निश्रा में बारसा सूत्र का वाचन हुआ। इस अवसर पर श्रावक श्राविकाओं ने उपवास भी रखे। शाम को प्रतिक्रमण के बाद क्षमा याचना का दौर शुरू हो गया।
साध्वी विरलप्रभा श्रीजी ने कहा कि वर्ष का अंतिम दिवस संवत्सरी है। गत वर्ष में जो त्रुटियां हुई है, उसके लिए क्षमा दे दो और क्षमा ले लो। पुराने बहीखाते निपटा देना और कल से नए बहीखाते डालना।
साध्वी विपुलप्रभा श्रीजी ने कहा कि चार ज्ञान के धारी गौतम स्वामी, आनंद श्रावक के पास क्षमायाचना करने चले गए। परंतु अहंकार के पुतलों को अहंकार क्षमा नही मांगने देता और तिरस्कार क्षमा नही करने देता। इस अवसर पर सभी को सप्ताह में सात दिन क्रोध करने का त्याग कर देना चाहिए। सोमवार से सप्ताह प्रारंभ होता है, मंगलवार मंगलकारी होता है, बुध को युद्ध नही करना चाहिए, गुरुवार तो गुरु का होता है, शुक्रवार शुक्रिया अदा करने के लिए होता है, शनिवार शनि की दशा लगा देता है और रविवार तो होली डे कहलाता है।
ट्रस्ट सचिव दलपत दोशी ने बताया कि तपस्वियों के पारणे करवाये गए। मंदिर में अष्ट प्रकारी पूजा हुई। कई श्रावक-श्राविकाओं ने पांच, तेला, बेला, उपवास, आयम्बिल, एकासन के भी प्रत्याख्यान लिए।


साभार :


© CopyRight Pressnote.in | A Avid Web Solutions Venture.