उदयपुर में हुआ सोलहवाँ राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन

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Published on : 24 Aug, 25 13:08

“आपके अंदर का बच्चा आपको जीवन्त रखता है” – डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक

उदयपुर में हुआ सोलहवाँ राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन

उदयपुर।साहित्य और संस्कृति के प्रति समर्पित सलिला संस्था एवं राजस्थान साहित्य अकादमी के सांझे में सोलहवाँ राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन का भव्य आयोजन प्रसार शिक्षा निदेशालय के सभागार में सम्पन्न हुआ।

“उद्घाटन, लोकार्पण एवं सम्मान” सत्र की अध्यक्षता डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने की। डॉ. कर्नाटक न केवल एक सफल शिक्षाविद् हैं बल्कि साहित्यिक और सांस्कृतिक विषयों के गहरे अध्येता भी हैं। उनका मानना है कि विज्ञान, भाषा और संस्कृति का संगम ही शिक्षा को सम्पूर्ण बनाता है। बच्चों के साहित्य के प्रति उनकी संवेदनशील दृष्टि ने इस आयोजन को और भी सार्थक बना दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में जयंती रंगनाथन (नंदन की संपादक एवं एग्जीक्यूटिव एडिटर, हिंदुस्तान समूह) उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथियों में डॉ. सतीश कुमार, श्याम पलट पांडेय, कुमुद वर्मा तथा संस्था अध्यक्षा एवं संयोजक डॉ. विमला भंडारी मंचासीन रहीं।

 

मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना (शकुंतला स्वरूपरिया) के साथ समारोह का शुभारम्भ हुआ। संस्था गीत दीपा पंथ, स्वागत गीत मधु माहेश्वरी तथा बालगीत पाखी जैन ने प्रस्तुत किए। विषय प्रवर्तन डॉ. विमला भंडारी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर डॉ. भंडारी की पुस्तक “अमेरिका से मुलाकात” तथा संपादित पत्रिका “सलिल प्रवाह” का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। यह अंक विशेष रूप से श्याम पलट पांडेय की साहित्यिक अभिव्यक्ति पर केन्द्रित रहा।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि “आपके अंदर का बच्चा ही आपको जीवन्त रखता है”। उन्होंने बताया कि बाल साहित्य और बाल गीत जीवन को सजीव और आनंदमय बनाए रखते हैं। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सारिका और धर्मयुग जैसी पत्रिकाओं में नियमित लेखन और बाल साहित्य पठन से उनका मानसिक और बौद्धिक विकास हुआ। उन्होंने राष्ट्रभाषा हिन्दी और संस्कृत के संवर्धन का आह्वान भी किया।

जयंती रंगनाथन ने “बालगीत और बालमन का अंतर्संबंध” विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को स्नेहपूर्वक बालगीतों की ओर आकर्षित कर मोबाइल की लत से बचाना आवश्यक है।

साहित्यिक सम्मान प्रदान

सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों को सम्मानित किया गया –

सलिला शिखर सम्मान – डॉ. संजीव कुमार

सलिला विशिष्ट साहित्यकार सम्मान – डॉ. सूरजसिंह नेगी एवं डॉ. मीना सिरोला

सलिला साहित्य रत्न सम्मान – जीशान हैदर जैदी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, मीनू त्रिपाठी, डॉ. प्रभात सिंघल

सभी सम्मानित साहित्यकारों को अभिनंदन पत्र, शॉल, उपरना, नकद राशि एवं माल्यार्पण द्वारा सम्मानित किया गया।

बाल साहित्य विमोचन की लगी लड़ी

कार्यक्रम में बारह बाल साहित्य पुस्तकों का लोकार्पण हुआ, जिनमें प्रमुख हैं –

छह अंकों का जादू, कहानी वाला शंख, गीत सुहाने बचपन के – डॉ. विमला भंडारी

नाचें खेलें मौज करें हम, खेल रहा अभिनव बूंदों संग – श्याम पलट पांडेय

बच्चों की किलकारी सुन ली – डॉ. राजगोपाल राज

बूझ सहेली मेरी पहेली – प्रकाश तातेड़

भावों की सरिता – मधु माहेश्वरी

दी अंडर लाइन बाल कहानी विशेषांक

बल्ब वर्ल्ड चिल्ड्रन मैगज़ीन

विद्वानों और साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में जगदीश भंडारी, डॉ. विमल शर्मा, मधु माहेश्वरी, मुकेश राव, शांतिलाल शर्मा, मनीला पोरवाल, मीनू त्रिपाठी, कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, लाल देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, डॉ. प्रभात सिंघल, यशपाल शर्मा, प्रकाश नेभनानी, डॉ. फहीम अहमद, बलबीर सिंह, अनीता गंगाधर शर्मा, आचार्य नरेंद्र शास्त्री, चक्रधर शुक्ल, डॉ. सरिता गुप्ता, शिव मोहन यादव, नंदकिशोर निर्झर, बनवारी लाल पारीक, डॉ. गोपाल राज गोपाल, श्याम मठपाल, सपना जैन शाह, पुरुषोत्तम शाकद्वीपीय, रामदयाल मेहरा सहित अनेक साहित्यप्रेमी एवं विद्वान उपस्थित रहे।


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