उदयपुर / भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय द्वारा सार्वभौमिक मानवीय मूल्य पर तीन दिवसीय फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के सेमिनार हॉल में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एच. डी. चारण, चेयरमैन एनसीसीआईपी थे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. महेन्द्र सिंह जी आगरिया, सचिव विद्या प्रचारिणी सभा ने की। विशिष्ट अतिथि डाॅ. चन्द्रेश जी छतलानी, एआईसीटीई पर्यवेक्षक, मोहब्बत सिंह राठौड़, प्रबन्ध निदेशक भूपाल नोबल्स संस्थान, डाॅ. निरंजन नारायण सिंह जी राठौड़, कुल सचिव भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय , मुख्य वक्ता के रूप में पियुष जी शर्मा एआईसीटीई उपस्थित थें, चेयरपर्सन कर्नल प्रो. शिव सिंह सारंगदेवोत ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित होते रहे, जिससे सभी को पूर्ण मार्गदर्शन मिल सके।
ईश वन्दना के पश्चात् अतिथि देवो भवः की परम्परा के साथ पधारे हुए अतिथियों का उपरणा धारण करवा कर स्वागत अभिनंदन किया गया । प्रो. रेणु राठौड़, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय ने स्वागत उद्बोधन देते हुए इस तीन दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी आवश्यकता की महत्ता को समझाया। प्रो. राठौड ने बताया कि इस तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में उदयपुर संभाग से विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से 85 मेंबर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।
डाॅ. महेन्द्र सिंह जी आगरिया ने अपने वक्तव्य में मानवीय मूल्यों की महत्ता तथा उसकी वर्तमान आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें हमारे भीतर छुपे हुए मानवीय मूल्यों को खोजना व समझना चाहिए तथा उसके अनुसरण से समाज, राष्ट्र एवं विश्व कल्याण की भावनाओं के प्रति समर्पित होना चाहिए ।
मुख्य अतिथि प्रो. एच. डी चारण ने मानवीय मूल्यों की व्याख्या करते हुए बताया कि हमें प्रकृति पर अध्ययन करना चाहिए । उसकी चरणबद्धता, अवदान व योगदान को बारिकी से समझना चाहिए कि वो हम तक जीविकोपार्जन हेतु किस प्रकार साध्य व साधन पहुंचा रही है। प्रकृति के व्यवहार को पशु पक्षी, जीव जन्तु, वनस्पति सभी भलीभांति समझते है व जानते है तथा उसी अनुरूप व्यवहार करते है तथा उसका सम्मान भी करते है लेकिन वह वो सबकुछ नहीं कर पातें । प्रो. चारण ने मनुष्य में स्थित जड़ व चेतन के भेद को समझाते हुए व्यक्तित्व निर्माण के बीजमंत्र बतायें ।
कार्यक्रम मे प्रो. रितु तोमर, सह अधिष्ठाता विज्ञान संकाय, डाॅ. गिरधरपाल सिंह, कार्यक्रम सहसंयोजक, विज्ञान, वाणिज्य व कला संकाय के स्टाॅफ सदस्य, शोद्यार्थी, विद्यार्थी उपस्थित थें । कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अनिता राठौड व मनीषा शेखावत ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजिका डाॅ. प्रियंका शक्तावत नें किया ।