प्रधानाचार्य सत्रारंभ वाकपीठ का शुभारंभ

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Published on : 23 Aug, 25 02:08

वाकपीठ केवल संवाद का मंच नहीं, बल्कि शिक्षा की दिशा और दशा पर चिंतन का अवसर भी है - तारा चंद जैन

प्रधानाचार्य सत्रारंभ वाकपीठ का शुभारंभ


उदयपुर, गिर्वा ब्लॉक एवं उदयपुर शहर के प्रधानाचार्यों की दो दिवसीय सत्रारंभ वाकपीठ (माध्यमिक शिक्षा) 2025 का उद्घाटन दिनांक 22 अगस्त को सरस्वती शिक्षक सदन, टेगौर नगर, सेक्टर 4 के सभागार में किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि विधायक महोदय उदयपुर शहर तारा चंद जैन थे। वाकपीठ की अध्यक्षता मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गिरवा दुर्गेश मेनारिया ने की।विशिष्ट आतिथ्य अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ललित दक का प्राप्त हुआ।

वाकपीठ अध्यक्ष मोहन लाल मेघवाल ने बताया कि विधायक महोदय ने कहा कि प्रधानाचार्य का पद महत्वपूर्ण होता है वे समाज को संस्कारित करने का कार्य करते हैं। इस प्रकार की वाकपीठ ऊर्जा का संचार करती है।विद्यालय शिक्षा के मंदिर होते हैं उनमें शैक्षिक संस्कृति का विकास हो। विद्यालयों के भौतिक विकास पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने संसाधनों की पूर्ति करने की शत प्रतिशत घोषणा की और कहा कि परीक्षा परिणाम की श्रेष्ठता सर्वोपरि हो।

सीबीईओ ने स्वागत उद्बोधन देते हुए समस्त प्रधानाचार्य को विभागीय एवम् कार्यालयी अपेक्षाओं को पूर्ण निष्ठा से करने एवम् विद्यार्थी हित में कार्य करने के निर्देश दिए। वर्तमान में चल रही सभी फ्लैगशिप योजनाओं पर विस्तृत बात की गई। जर्जर भवनों पर सख्त एवं अनिवार्य कदम उठाए जाने पर हिदायत दी। हरियालो राजस्थान के अंतर्गत लक्ष्य पूरा करने पर जोर दिया गया । विद्यालय प्रबंधन में आ रही समस्याओं के समाधान पर सकारात्मक सहयोग प्रदान करने का विश्वास दिलाया।और कहा कि विद्यार्थियों के शतप्रतिशत ठहराव हेतु प्रयास करने होंगे।
प्रधानाचार्य मुकेश पंड्या एवं महेश जोशी ने विद्यार्थियों के साथ प्रार्थना प्रस्तुत कर मधुरम  वातावरण का निर्माण किया।

प्रधानाचार्य सुधा माथुर ने विद्यालय के संचालन में आने वाली चुनौतियों, डॉ प्रकाश जैन ने जल संरक्षण एवं मधु सरीन ने वी वी एम पर सारगर्भित एवं उपयोगी वार्ता प्रस्तुत की।खुले मंच पर चर्चा दिलीप जैन द्वारा संचालित की गई।
        मीडिया प्रमुख किरण बाला जीनगर ने बताया कि वाकपीठ अध्यक्ष मोहन मेघवाल ने वाकपीठ के उद्देश्य को विस्तृत रूप से व्यक्त करते हुए कई नैतिक दायित्वों की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी देशपाल सिंह शेखावत का सान्निध्य प्राप्त हुआ। वाकपीठ की कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी उपाध्यक्ष जगदीश चंद्र चौबीसा, सचिव महेन्द्र सिंह , कोषाध्यक्ष श्वेता यादव, सोनिका वर्मा, ऋचा रूपल, दिलीप जैन, निर्मला मेनारिया, राजेश सैनिक  ने कार्यक्रम के समस्त अतिथियों का स्वागत सम्मान किया एवम् मंच पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन सचिव महेन्द्र सिंह ने किया।

वाकपीठ में एक सौ ग्यारह प्रधानाचार्य एवम् विभिन्न शिक्षक संघों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। वाकपीठ में समूह चर्चा के माध्यम से प्रधानाचार्यों ने विभिन्न नवाचारों पर, कल्याणकारी योजनाओं, तकनीकी आधारित शिक्षा, गैर शैक्षणिक कार्य  पर खुलकर विचार व्यक्त किए।


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