उदयपुर,कैंसर उपचार के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी बदलावों को लेकर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ट्रेण्ड्स ऑफ ट्रांसफोर्मेशन इन ऑन्कोलॉजी का आज शुभारम्भ हुआ। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल,पारस,एचएमआरआई,आईएएससीओ,मेनकेन फाउण्डेशन और कैंसर रिसर्च एंड स्टेटिस्टिक फाउण्डेशन की ओर से आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.पूर्वीश पारीख,पीएमसीएच की डॉयरेक्टर प्रीति अग्रवाल,ऐक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर अमन अग्रवाल,पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रेसिडेन्ट डॉ.एम.एम.मंगल पीएमसीएच के प्रिसिंपल डॉ.यू.एस.परिहार,आयोजन चेयरमेन डॉ.मनोज महाजन एवं ऑन्कोसर्जन डॉ.सौरभ शर्मा ने गणेशजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन करके किया।
लगातार पांचवी बार उदयपुर कैंसर रोग और इसके उपचार से जुड़ी इंटरनेशलन कांफ्रेस का साक्षी बन रहा है। सम्मेलन चेयरमेन डॉ.मनोज महाजन के नेतृत्व में आयोजित कॉन्फ्रेस के पहले दिन का मुख्य फोकस कार टी सैल थेरेपी, सेलुलर उपचारों की जटिलताओं और नवाचारों पर रहा। देश-विदेश से आए 100 से अधिक कैंसर रोग विशेषज्ञ सम्मेलन में अपने विचार -विमर्श कर रहे हैं।
पीएमसीएच की डायरेक्टर डॉ. प्रीति अग्रवाल एवं एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अमन अग्रवाल ने सम्मेलन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन मेडिकल क्षेत्र में उदयपुर को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं, जिससे कैंसर रोगियों को विश्व स्तरीय उपचार के नवीनतम विकल्प मिल सकें।
सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कांफ्रेस चेयरमेन डॉ.मनोज महाजन ने ऑन्कोलॉजी में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तनों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए पूर्व में हुए कांफ्रेस के परिणामों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
इस बार सम्मेलन में देश विदेश से आए कैंसर रोग विशेषज्ञों से कैंसर रोगियों को सैकण्ड ओपनियन के लिए तीन दिन की ओपीडी भी रखी गयी है जिसमें जापान से आए डॉ. गुयेन दुय सिन्ह, डॉ.विजय पाटिल और डॉ.आशय कर्पे की ओपीडी में सनराइज कैंसर केयर क्लिनिक, सौभागपुरा में मरीज विशेषज्ञ से उपचार के लिए सलाह प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ.मनोज महाजन ने बताया कि प्रमुख सत्र कार टी सैल थेरेपी औरहेमेटोलॉजिकल मैलिग्नेंसी में वर्तमान परिदृश्य विषय पर आधारित था इसमें डीएलबीसीएल, ऑल और एमएम में स्वीकृत कार टी उपचार, वास्तविक दुनिया के आंकड़े बनाम क्लिनिकल ट्रायल्स,बायोमार्कर आधारित उपचार और रोगी चयन पर जापान से आए विशेषज्ञ डॉ,गुयेन दुय सिन्ह और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुम्बई के डॉ,विजय पाटिल ने विचार रखे और यहां एक पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने इन उपचारों की व्यवहारिक चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार साझा किये। एक सत्र में टेक्लीस्टेमेब को रिलेप्स्ड/रिफेक्ट्री मल्टिपल मायलोमा (आरआरएमएम) के लिए एक आशाजनक विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया।
डॉ.सौरभ शर्मा ने बताया कि सेलुलर थेरेपी में जटिलताओं का प्रबंधन विषय पर सत्र में सीआरएस, आईसीएएनएस, साइटोपीनिया और दीर्घकालिक फॉलो-अप जैसे जटिल पहलुओं पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने इन जटिलताओं के प्रबंधन में नवीनतम प्रोटोकॉल और अनुभव साझा किए।
डॉ.आशय कर्पे ने न्यूली डायग्नोज्ड मल्टिपल मायलोमा के प्रबंधन पर हुए सत्र में बोलते हुए कहा कि मरीज कैंसर बीमारी को लेकर जागरूक कम हैं इस कारण जांचों को लेकर घबराते हैं लेकिन समय पर जांच से उपचार में सफलता की संभावना अधिक होती है।
डॉ.मनोज महाजन ने इमरजिंग फ्रंटियर इन सेल थेरेपी पर बोलते हुए डुअल-टारगेट कारर्स,ऑलोजेनिक उत्पाद और जीन-संपादित कोशिकाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आज के समय में नवीनतम चिकित्सा तकनीकों ने उपचार को सरल और अधिक प्रभावी बना दिया है। उन्होंने मरीज की काउंसलिंग और उपचार विकल्पों पर खुलकर बात करने पर जोर दिया, यहां देशभर से आए ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञों ने नेटवर्किंग और विचार-विमर्श किया।