सलिला संस्था द्वारा 24 अगस्त रविवार को सोलहवाँ राष्ट्रीय बाल साहित्यकार सम्मेलन राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर स्थित शिक्षा प्रसार निदेशालय के सभागार में आयोजित होगा। सम्मेलन का केंद्रीय विषय “बालगीत और बालमन का अंतर्संबंध : चिंतन एवं विश्लेषण” रहेगा, जिस पर उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि हिंदुस्तान अखबार की एक्जीक्यूटिव एडिटर रही जयंती रंगनाथन, अपना बीज वक्तव्य देंगी। सम्मेलन का उद्घाटन महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक के कर कमलों से होगा।
सलिला संस्था की अध्यक्ष डॉ. विमला भंडारी ने बताया कि इस अवसर पर सात साहित्यकारों को उनके उल्लेखनीय कृतित्व हेतु सलिला साहित्य अलंकरण सम्मान अर्पित किए जाएंगे एवं गीत प्रतियोगिता के टॉप 10 विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर संस्था की वार्षिकी ‘सलिल प्रवाह’ का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों द्वारा किया जाएगा। डॉ. विमला भंडारी द्वारा लिखित यात्रा साहित्य की पुस्तक अमेरिका से मुलाकात के अतिरिक्त 6 पुस्तकों का और एक पत्रिका का लोकार्पण होगा। लोकार्पित पुस्तकों की समीक्षा होगी। ‘पहेली विधा का बालमन पर जादू’ विषय पर पत्रवाचन होगा। कार्यक्रम के समापन से पूर्व बाल काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। समारोह के सत्र का संचालन विख्यात गीतकार और संचालक शकुंतला सरूपरिया, समारोह के संयोजक बाल साहित्यकार प्रकाश तातेड़ एवं विमला नागला करेंगे।
मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, एवं राजस्थान सहित सात राज्यों से और राजस्थान के जयपुर, झुंझुनूं, अजमेर, सिरोही, किशनगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर, सलूम्बर सहित दस जिलों से बाल साहित्यकार इस एक दिवसीय सम्मेलन में सम्मिलित होंगे। बाल काव्य संगोष्ठी के अंतर्गत 20 रचनाकार बाल कविताओं का पाठ करेंगे।