उदयपुर । मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के प्रेरणादायी नेतृत्व में राजस्थान ने ‘हरियालो राजस्थान वृक्षारोपण महाभियान’ को एक जनआंदोलन का रूप दिया है। प्रदेश में इस मानसून में 10 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य हासिल हो चुका है, मानसून अभी विदा नहीं हुआ है, पौधारोपण जारी है जिससे उम्मीद की जा सकती है कि उपलब्धि ऐतिहासिक होगी। यह अभियान राजस्थान को हरियाली से आच्छादित करने की ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
हरियाली की नई क्रांति
राज्य सरकार ने इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया था। अब तक 10 करोड़ 21 लाख 22 हजार 351 पौधे लगाए जा चुके हैं। इनमें व्यक्तिगत वृक्षारोपण संख्या 37 लाख 51 हजार 534 और ब्लॉक स्तर वृक्षारोपण संख्या 9 करोड़ 83 लाख 70 हजार 817 रही। पिछले साल भी इस अभियान के तहत 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए थे। इस बार शिक्षा विभाग, वन विभाग, आरडीपीआर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी रही।
एक दिन में बना रिकॉर्ड
27 जुलाई, 2025 को हरियाली तीज पर आयोजित 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव के अवसर पर मात्र एक दिन में 2 करोड़ 50 लाख पौधारोपण कर नया रिकॉर्ड बनाया गया।
पाँच साल में 50 करोड़ पौधों का लक्ष्य
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने ‘मिशन हरियालो राजस्थान’ के तहत पाँच वर्षों में 50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ महाअभियान से भी जोड़ा गया है।
2 हजार वृक्ष मित्र तैयार होंगे
राज्य सरकार वृक्ष मित्र योजना भी चला रही है। 200 पौधे लगाने वाले को वृक्ष मित्र का दर्जा दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में 2 हजार वृक्ष मित्र बनाए जा रहे हैं जिन्हें मानदेय भी मिलेगा। इसके साथ ही हर जिले में आमजन की सहभागिता से मातृ वन विकसित किए जा रहे हैं। लोग जन्मदिवस, सालगिरह या स्मृति स्वरूप पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण से जुड़ रहे हैं।
पौधों की क्षेत्रीय अनुकूलता पर जोर
राज्य सरकार पौधों का अधिकतम सर्वाइवल सुनिश्चित करने के लिए जलवायु और मिट्टी की अनुकूलता को प्राथमिकता दे रही है। इससे पौधों के जीवित रहने और वृक्ष बनने की संभावना अधिक बढ़ी है।
जियो टैगिंग से हो रही निगरानी
अभियान की पारदर्शिता और सफलता सुनिश्चित करने के लिए हरियालो राजस्थान मोबाइल एप तैयार किया गया है। इस एप के माध्यम से लगाए गए प्रत्येक पौधे की जियो टैगिंग की जा रही है, ताकि उसकी सुरक्षा और संवर्धन पर सतत निगरानी रखी जा सके।
जनआंदोलन बन रहा है अभियान
राज्य सरकार के प्रयास से यह अभियान सिर्फ सरकारी कार्यक्रम तक सीमित न रखकर जनआंदोलन बन गया है। नदियों और तालाबों के किनारों, औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास, विद्यालयों, अस्पतालों तथा नगरीय क्षेत्रों में पौधारोपण को प्राथमिकता दी जा रही है। सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान आमजन से सीधा जुड़ रहा है।
हरित भविष्य की ओर कदम
पौधे को लगाने से लेकर उन्हें वृक्ष बनने तक सहेजने का संकल्प श्री भजनलाल शर्मा की पर्यावरणीय सोच को दर्शाता है। यह पहल राजस्थान को हरित और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।
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राजस्थान ग्रामीण बैंक में 22 से 26 अगस्त तक प्रभावित रहेंगी सेवाएं
तकनीकी माइग्रेशन और सॉफ्टवेयर एकीकरण की होगी प्रक्रिया
उदयपुर, 19 अगस्त। पूर्ववर्ती राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक (ई-आरएमजीबी) और पूर्ववर्ती बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (ई-बीआरकेजीबी) के विलय के बाद राजस्थान ग्रामीण बैंक राज्य का एकमात्र क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बन गया है। यह लगभग 1600 शाखाओं और 26 क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से सम्पूर्ण राजस्थान में कार्यरत है।
राजस्थान ग्रामीण बैंक उदयपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि समामेलन पश्चात तकनीकी माइग्रेशन एवं सॉफ्टवेयर एकीकरण की प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन हेतु पूर्ववर्ती ई-आरएमजीबी की सभी शाखाएं, डिजिटल बैंकिंग सेवाएं (जैसे एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, युपीआई, एईपीएस आदि) एवं बैंक के बी.सी चैनल पर सभी लेनदेन तथा सेवाएँ 24 से 26 अगस्त 2025 तक और चेक क्लियरिंग संबंधी समस्त प्रक्रियाएं 22 अगस्त से 26 अगस्त 2025 तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। 27 अगस्त 2025 से राजस्थान ग्रामीण बैंक की सभी बैंकिंग सेवाएं पूर्ववत एवं पूर्ण रूप से संचालित की जाएंगी। क्षेत्रीय प्रबंधक ने बैंक के समस्त ग्राहकों से इस परिवर्तन अवधि के दौरान होने वाली असुविधा के लिए क्षमायाचना करते हुए अपने वित्तीय लेनदेन उपरोक्त समयरेखा के अनुसार करने का आग्रह किया है।