तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए उप राष्ट्रपति के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार घोषित

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Published on : 18 Aug, 25 06:08

तमाम कयासों को दरकिनार करते हुए उप राष्ट्रपति के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार घोषित

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

तमाम राजनीतिक कयासों को दरकिनार करते हुए 17 अगस्त 2025 रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सी. पी. राधाकृष्णन 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में रविवार को अपराह्न नई दिल्ली में आयोजित भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में सी.पी. राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा द्वारा की गई। भाजपा संसदीय दल की बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित बोर्ड के अन्य सभी सदस्य गण उपस्थित रहें। 

 

त्वरित टिप्पणी के इस कॉलम में लेखक ने बार - बार इस बात को इंगित किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कार्यशैली को निकट से जानने और समझने वाले लोगों को ज्ञात था कि उप राष्ट्रपति पद के लिए जिन संभावित उम्मीदवारों और नामों के कयास मीडिया एवं राजनीतिक हलकों में लगाए जा रहें है,उससे इतर एकदम एक नया नाम ही सामने आयेगा और ऐसा ही हुआ तथा चर्चाओं से दूर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन का नाम एनडीए के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सामने आ गया।

 

एनडीए के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है और मूल रूप से वे तमिलनाडु के निवासी है। उनकी उम्र लगभग 67 वर्ष है। वर्तमान में वे महाराष्ट्र राज्यपाल हैं। राधाकृष्णन के नाम को उनके संसदीय अनुभव के साथ ही राजनीतिक, रणनीतिक और क्षेत्रीय आधार पर अन्य दावेदारों के ऊपर महत्व दिया है। राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे दक्षिणी भारत में एनडीए का जनाधार बढ़ाने की रणनीति से भी जोड़ कर देख रहें है।

 

उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 22 अगस्त 2025 है और उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नाम वापस ले सकते है। आवश्यक होने पर भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए नियुक्त चुनाव अधिकारी राज्यसभा के महासचिव द्वारा आगामी 9 सितंबर 2025 को उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान कराया जाएगा तथा उसी दिन वोटों की गिनती कर परिणाम भी घोषित कर दिया जायेगा।

 

इण्डिया ब्लॉक ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन,संसद में एनडीए के पास उपलब्ध बहुमत के आधार पर सी.पी. राधाकृष्णन की जीत सुनिश्चित दिख रही है। उप राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य मिलकर करते हैं। इसमें राज्यों की विधानसभाओं के विधायकों की कोई भागीदारी नहीं होती है।

 

वर्तमान में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सांसदों को मिला कर उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल मतदाताओं की संख्या 788 है। चुनाव जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वैध मत चाहिए। यानी यदि सभी 788 सांसद वोट डालते हैं, तो उपराष्ट्रपति निर्वाचन के बहुमत के लिए 395 सांसदों के वोट चाहिए। केन्द्र में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के पास वर्तमान स्थिति में 425 से 427 सांसदों के वोट की ताक़त मौजूद हैं। जिनमें लोकसभा में एनडीए गठबंधन के पास 293 सांसद और राज्यसभा में लगभग 132 से 134 सांसदों के वोटों की ताकत है। जबकि संसद में कांग्रेस की अगुवाई में प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहें इण्डिया ब्लॉक के पास लगभग 330 से 335 सांसद वोट की ताक़त हैं जिसमें लोकसभा में उनके पास लगभग 234 से 235 सांसद और राज्यसभा में लगभग 96 से 100 सांसदों के वोट हैं। इसके अलावा अन्य स्वतंत्र और छोटे दल भी है जिनकी संख्या लगभग 25 से 30 वोटों की है। ऐसे दल के सांसद न तो एनडीए में हैं और नहीं इण्डिया ब्लॉक में हैं। यदि ये छोटे दल और निर्दलीय (अनुमानित 25–30 वोट) यदि एनडीए के साथ जाते हैं तो एनडीए उम्मीदवार के बहुमत का आंकड़ा और मज़बूत होगा। लेकिन,यदि ये वोट इण्डिया ब्लॉक के पास जाते है तो भी एनडीए के नामित उम्मीदवार सी.पी.राधाकृष्णन को चुनाव जीतने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है।

 

कौन हैं सी. पी. राधाकृष्णन?

 

सी.पी.राधाकृष्णन एक वरिष्ठ भारतीय राजनीतिक नेता हैं,जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। 67 वर्षीय 

राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल रहने से पूर्व झारखंड के राज्यपाल (फरवरी 2023–जुलाई 2024) रहे और उन्होंने तेलंगाना तथा पुडुचेरी के राज्यपाल का अतिरिक्त चार्ज भी संभाला।

राजनीतिक रूप से वे तमिलनाडु के वरिष्ठ बीजेपी नेता भी रहे हैं। वे दो बार लोकसभा सांसद और भाजपा तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

 

दक्षिणी भारत के तटवर्ती प्रदेश तमिलनाडु के

तिरुप्पुर में जन्में राधाकृष्णन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक है। वे आरंभ में आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के वैयक्तिक कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे तथा बाद में 16 वर्ष की उम्र में ही जनसंघ से जुड़ कर उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। कालांतर में वे 1998 और 1999 में कोयम्बत्तूर से दो बार लोकसभा सांसद भी निर्वाचित हुए। वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (2004–2007) भी रहें। इस अवधि में उन्होंने लगभग 19,000 किमी लंबी ‘रथ यात्रा’ निकाली तथा उन्होंने नदी जोड़ने, आतंकवाद,अस्पृश्यता उन्मूलन और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दे उठाए। राधाकृष्णन ने 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना प्रभावी संबोधन दिया और वे 2003 में भारत के यू एन प्रतिनिधि दल का हिस्सा रहे। वे 2016 से 2020 कोइर बोर्ड के अध्यक्ष भी रहें, जिसके तहत भारत का कोयर (नारियल फाइबर) निर्यात बढ़कर रु. 2,532 करोड़ तक पहुँच गया था। वे 2020 से 2022 तक केरल में भाजपा के प्रभारी भी रह चुके हैं। वे फरवरी 2023 में झारखंड के राज्यपाल बने, फिर उनके पास तेलंगाना और पुदुचेरी के गवर्नर का अतिरिक्त चार्ज भी रहा । उन्होंने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल पद की शपथ ली थी तथा वर्तमान में भी वे इस पद पर आरूढ़ है। उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से पूर्व वे इस पद से इस्तीफा दे सकते है।

 

उल्लेखनीय है कि निवर्तमान उपराष्ट्रपति राजस्थान के जगदीप धनखड़ के विगत 21जुलाई की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा देने के कारण देश में उपराष्ट्रपति का नए सिरे से चुनाव हो रहा है । जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था लेकिन अनायास उनके त्यागपत्र के कारण उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का पद भी रिक्त हो गया। वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के कार्यवाहक सभापति का कार्य देख रहे है । 

 

राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन यदि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के रूप में उप राष्ट्रपति का चुनाव जीत जाते है तो उनका नाम देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर पहुंचने वाले दक्षिणी भारत के एक और नेता के रूप में भारतीय इतिहास में दर्ज हो जायेगा।

 


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