एक हादसे में पैर गंवाने वाले बेंगलूरू के बी. वी. नारायण निकले विश्व भ्रमण पर

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Published on : 15 Aug, 25 03:08

भारत के युवाओं के लिए बुजुर्ग दिव्यांग का संदेश- अंगदान और यातायात नियमों का पालन करें, दिव्यांगता से मिले आजादी

 एक हादसे में पैर गंवाने वाले बेंगलूरू के बी. वी. नारायण निकले विश्व भ्रमण पर

उदयपुर,  बेंगलूरू निवासी 65 वर्षीय बी. वी. नारायण अंगदान और सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि को रोकने के लिए जागरूकता लाने  के उद्देश्य से बाइक पर विश्व भ्रमण के लिए निकले हैं। अमरीका के न्यूजर्सी में लगभग 15 साल तक पेट्रोल पंप, रोड साइड असिस्टेंट, हैंडीमैन (प्लम्बर, बागवानी,) जैसे काम करने वाले नारायण के जीवन में एक ऐसा मोड़ आया कि उनके जीवन का मकसद ही बदल गया। अमरीका में एक हादसे के बाद वे 2003 में भारत आ गए।
नारायण के पिता मैकेनिकल इंजीनियर थे, इसलिए कम उम्र से ही मशीनों से लगाव हो गया। नारायण ने बताया कि भारत आने के बाद मेरे एक दोस्त के बेटा दोनों पैरों से नहीं चल पाता था। दोस्त के कहने पर मैंने उसके बेटे के लिए मोडिफाइड स्कूटर बनाया। बस, वहीं से मेरे मन में विचार आया कि सभी दिव्यांगजनों के लिए ऐसे व्हीकल बनाए जा सकते हैं।
वे दिव्यांगजनों के लिए डिजाइनर और फैब्रिकेटेड व्हीकल बनाने लग गए। उनका काम अच्छा चल रहा था कि कोरोना आ गया। कोरोना की वजह से उनका काम बंद हो गया। कई जगह दूसरे काम की तलाश की, लेकिन उम्र अधिक होने की वजह से कहीं काम नहीं मिला।
नारायण ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए गाड़ी बनाते समय उन्होंने देखा कि सड़क हादसों में कई बार युवा अपने हाथ पैरे गंवा बैठते हैं और दिव्यांगजनों के लिए गाड़ी बनाने से ज्यादा आवश्यक यह है कि सड़क हादसे की वजह से कोइ्र्र युवा दिव्यांग बने ही न। इसी बात को लेकर उन्होंने एक बाइक खुद के लिए तैयार की और अंगदान के प्रति जागरूकता लाने के लिए वे विश्व भ्रमण पर निकल गए।
अब तक अफ्रीका के इजिप्ट, सूडान, केन्या, तंजानिया, जाम्बिया, कैमरून, साउथ अमरीका के पराग्वे, बोलिविया, पेरू, इक्वाडोर, यूरोप सहित कुल 89 देशों की यात्रा कर चुके हैं।
28 फरवरी को बेंगलुरू से रवाना होकर आंध्र प्रदेश, उत्तरप्रदेश, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, दिल्ली, भरतपुर होते हुए बुधवार रात को वे उदयपुर पहुंचे। यहां सूचना केंद्र में उन्होंने बताया कि वे अहमदाबाद, मुंबई होते हुए सउदी, कनाडा और अलास्का तक जाएंगे।
उदयपुर में सूचना केंद्र में युवाओं को अंगदान और यातायात नियमों की पालना के प्रति जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि अंगदान एक महान कार्य है। लोगों को अंगदान के प्रति प्रोत्साहित करके हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं। भारत के युवा भारत की शक्ति है और सड़क हादसों में सबसे ज्यादा हताहत होने वाले भी युवा ही हैं। इसलिए इस स्वतंत्रता दिवस पर हर युवा यह संकल्प करें कि अंगदान के प्रति जागरूकता लाएंगे और यातायात नियमों का पालन करेंगे।
भजनलाल जी की संवेदनशील सरकार-
नारायण ने बताया कि  राजस्थान में वे कई युवाओं से मिले और सभी ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार की सराहना की।  राजस्थान में वे भरतपुर जिला कलक्टर कमर चौधरी से मिले, उनकी कार्यशैली और संवेदनशीलता ने दिल को छू लिया। इसी तरह उदयपुर कलक्टर श्री नमित मेहता से बुधवार शाम को मिले, तो उन्होंने भी उनके प्रयासों को सराहा।


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