महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग के नव आगंतुक विद्यार्थियों के इंडक्शन प्रोग्राम में नगर के वाटर हीरो और नशा मुक्ति अभियान में लगे वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पीसी जैन के द्वारा रचित "पापा को जल श्रद्धांजलि" नाटक का मंचन करायाl इस नाटिका में किसी के पापा किसी के दादा किसी के नाना किस तरह तरह से जल ब
चाते थे उसको बताते हुए अभिनय कर्ताओं ने जल बचाने को ही सच्ची श्रद्धांजलि स्वीकार किया।
प्रारंभ में भोपाल के सेवानिवृत कमिश्नर एम मोहन राव द्वारा रचित "जल ही जीवन है, जल ही अमृत है" गीत के साथ जल नृत्य किया।
डॉक्टर पी सी जैन ने विद्यार्थियों द्वारा लाए गए पानी के टीडीएस की भी जांच करी और उन्हें स्वास्थ्य हेतु सही टीडीएस के पानी को पीने की सलाह दी।
"अदृश्य जल" जो की हमें दिखाई नहीं देता है जैसे एक जींस की पेंट बनाने में 7500 लीटर पानी खर्च होता है। इस तरह साड़ी , टी-शर्ट, चॉकलेट इत्यादि में कितना कितना जल अदृश्य रूप से खर्च होता है इसका प्रदर्शन किया और जल बचाने का संकल्प करवाया।
अगले सत्र में मेल फीमेल की नशा करने पर दोनों के शरीर पर क्या-क्या अलग-अलग प्रभाव होते हैं इसको अपने प्रेजेंटेशन में दिखाए और सभी तरह के नशे से दूर रहने का संकल्प करवाया।
कार्यक्रम के अंत में एक "नशा नृत्य" भी सभी ने मिलकर किया। कार्यक्रम में प्रथम वर्ष के निम्न विद्यार्थी रुद्र प्रताप सिंह सिसोदिया, संजय गुर्जर, सिद्धार्थ सिंह शेखावत, देवांशी शर्मा, चेतना चौधरी, अक्षरा राठी, सुरभि दाधीच, मूमल ने अभिनय किया।
कार्यक्रम का संयोजन डॉक्टर विनोद यादव ने किया।
सभी अभिनेताओं को डॉ पीसी जैन की ओर से प्रतीक चिन्ह वितरित किया गया।
धन्यवाद डॉ विनोद मीणा ने डॉक्टर पीसी जैन को प्रतीक चिन्ह देकर ज्ञापित किया।