आर्मी चीफ  जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चेतक कोर और नागी युद्ध स्मारक का दौरा किया

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Published on : 14 Aug, 25 11:08

आर्मी चीफ  जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चेतक कोर और नागी युद्ध स्मारक का दौरा किया

जयपुर :  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, आर्मी चीफ (COAS) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने सप्त शक्ति कमान क्षेत्र में स्थित बठिंडा सैन्य स्टेशन तथा प्रतिष्ठित नागी युद्ध स्मारक (श्रीगंगानगर) का दौरा किया। चेतक कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ने उन्हें ऑपरेशनल रेडीनेस पर अवगत कराया और उन्होंने नागी युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि  अर्पित कर उस वीरता और बलिदान की विरासत को नमन किया, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

            आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी को इस क्षेत्र में तैनात इकाइयों और फोर्मेशन्स की ऑपरेशनल रेडीनेस, वर्तमान सुरक्षा स्थिति, प्रशिक्षण गतिविधियों और चेतक कोर की परिचालन रसद व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के बीच मजबूत सीमा प्रबंधन सुनिश्चित करने में प्रदर्शित उत्कृष्ट तालमेल की सराहना की। उन्होंने सभी रैंकों की उच्च स्तरीय प्रतिबद्धता और पेशेवर क्षमता की प्रशंसा की तथा सफलतापूर्वक सौंपे गए कार्यों के निष्पादन हेतु ऑपरेशनल रेडीनेस और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी रैंकों से नवीनतम तकनीकी प्रगतियों, उभरते सुरक्षा खतरों से अवगत रहने तथा ऐसे खतरों से निपटने के लिए सदैव तैयार रहने का आह्वान किया।

 

            दौरे के दौरान, आर्मी चीफ ने 1971 के ऐतिहासिक नागी युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों, प्रमुख नागरिकों और नागरिक योद्धाओं से भी बातचीत की और देश की सीमाओं की रक्षा में उनकी भूमिका को सराहना कि तथा स्थायी सैन्य-नागरिक संबंधों की पुष्टि की। उन्होंने कर्नल सतपाल राय गब्बा (सेवानिवृत्त), लेफ्टिनेंट कर्नल जगजीत सिंह मान (सेवानिवृत्त), सीएफएन बनवारी लाल स्वामी (सेवानिवृत्त) और सूबेदार मेजर (होनोरेरी कैप्टन) शीश राम (सेवानिवृत्त) को सशस्त्र बलों, प्रकृति संरक्षण और राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

            यह दौरा भारतीय सेना के राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के प्रति अटूट संकल्प का प्रतीक रहा, जो साहस, प्रतिबद्धता और बलिदान की उस विरासत को बनाए रखता है जो भारतीय सशस्त्र बलों की भावना और मूल्यों को परिभाषित करती है।


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