जयपुर — हाईकोर्ट ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 पेपरलीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा को जमानत देने से इनकार कर दिया, जबकि उनके भांजे विजय कुमार डामोर को राहत मिल गई।
न्यायमूर्ति प्रवीर भटनागर ने दोनों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि कटारा ने संवैधानिक पद पर रहते हुए अपराध किया है और आरोप गंभीर हैं।
यह मामला उदयपुर के बेकरिया थाने में दर्ज हुआ था। कटारा पर आरोप है कि आरपीएससी सदस्य रहते उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए सामान्य ज्ञान का प्रश्नपत्र मुख्य आरोपी शेर सिंह को सरकारी आवास पर सौंपा और इसके बदले 60 लाख रुपये लिए। एसओजी ने उनके कब्जे से 51.20 लाख रुपये और 541 ग्राम सोना बरामद किया था।
कटारा 18 अप्रैल 2023 से जेल में हैं और सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। डामोर को भी इसी आधार पर जमानत दी गई।