उदयपुर। राजस्थान में कक्षा 5 के पाठ्यक्रम में वीर कालीबाई की शहादत का पाठ हटाये जाने को लेकर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है और इसे पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए संबंधित को निर्देश देने का आग्रह किया है।
सांसद डॉ रावत ने पत्र में लिखा कि उनकी जानकारी में आया है कि राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद्, उदयपुर द्वारा स्कूली शिक्षा के नवीन पाठ्यक्रम में कक्षा 5वीं की अंग्रेजी भाषा की किताब से वीर कालीबाई की शिक्षा के लिए शहादत को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। वीर कालीबाई भील सन् 1947 में आजादी से पहले अपने गुरू की जान बचाते हुए शासन की बंदूक का शिकार हुई एवं अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उनकी शहादत जनजाति छात्रों सहित सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रमों से वीर कालीबाई भील के बलिदान को हटाया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।
सांसद डॉ रावत ने कहा कि इस प्रकार के प्रेरणा स्त्रोत महापुरुषों की कहानियां स्कूली पाठ्यक्रम में हमेशा रहनी चाहिए। तभी बच्चों को भारत के असली इतिहास का पता चलेगा। दुर्भाग्य रहा कि एक कालखंड में स्कूली पाठ्यक्रमों में भारत के वीर योद्दाओं की कहानियां जोडी ही नहीं गई, संक्षिप्त कर दी गई या हटा दी गई, जिसके कारण बच्चों को कई लोगों का इतिहास ही पता नहीं है। यह देश के साथ ही आने वाली पीढी के साथ भी अन्याय है, जिसको देश का असली इतिहास पता नहीं चलेगा।