अगस्त, 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 लैंडर की सफल लैंडिंग की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारत में प्रति वर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2025 का विषय – ‘आर्यभट्ट से गगनयान: प्राचीन ज्ञान से अनंत संभावनाओं तक’ है।इस संदर्भ में दिनांक 12 अगस्त, 2025 को संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा, राजस्थान में अंतरिक्ष प्रदर्शनी एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक), अहमदाबाद; क्षेत्रीय सुदूर संवेदन केंद्र-पश्चिम, एनआरएससी, जोधपुर और संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन संगम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. करुणेश सक्सेना, उपकुलपति प्रोफेसर डॉ. मानस रंजन पाणीग्राही, कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. आलोक कुमार, भू सूचना विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश त्रिपाठी, क्षे.सु.सं.कें.-पश्चिम, इसरो के प्रधान,अनुप्रयोग डॉ. राकेश पालीवाल, सैक इसरो के वैज्ञानिक व प्रोग्राम मैनेजर श्री गौरव बापना द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद, डॉ. लोकेश त्रिपाठी एवं डॉ. राकेश पालीवाल द्वारा प्रारंभिक वक्तव्य दिया गया। मुख्य अतिथि- प्रो. (डॉ.) करुणेश सक्सेना, कुलपति, संगम विश्वविद्यालय द्वारा उपस्थितजनों को संबोधित किया गया। जिसके बाद, विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। गौरव बापना ने ‘इसरो के कार्यक्रम: उपलब्धियों का एक सिंहावलोकन’ विषयक लोकप्रिय व्याख्यान दिया। समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया गया एवं श्री आशीष कुमार जैन, वैज्ञानिक, क्षे.सु.सं.कें.-पश्चिम ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के बाद, विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से स्थापित की गई इसरो स्पेस प्रदर्शनी में इसरो व अंतरिक्ष विज्ञान के विभिन्न आयामों को रुचिपूर्ण तरीके से पोस्टरों और वैज्ञानिक मॉडलों द्वारा समझाया गया।