पहले 120 km से लिया नेत्रदान,फिर घर आकर बंधाई राखी

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Published on : 11 Aug, 25 02:08

नेत्रदान संकल्पित त्रिलोकचंद दे गए दो नेत्रहीनो के लिए नई नेत्र ज्योति, रक्षाबं

पहले 120 km से लिया नेत्रदान,फिर घर आकर बंधाई राखी

नेत्रदान के प्रति भवानीमंडी नगर लगातार कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, जहां सुराणा परिवार के रूप में एक ही परिवार के पांच सदस्यों के नेत्रदान ने संभाग में एक कीर्तिमान स्थापित किया है, वही यह नगर से 146 नेत्रदान हुआ है।

 

जिस समय पूरे भारत में, रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा था, उसी समय शाइन इंडिया फाउंडेशन के नगर संयोजक कमलेश गुप्ता दलाल ने बताया कि,शनिवार रात्रि को नगर के समाजसेवी पुस्तक विक्रेता त्रिलोकचंद सुराणा के निधन होने पर भतीजे जितेंद्र, अनिल, नितिन एवं पुत्र क्षितिज ने नेत्रदान का निर्णय लेकर जिला खाद्य व्यापार संघ अध्यक्ष राजेश नाहर को सूचना दी ।

 

सूचना के समय शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ रक्षाबंधन के लिए अपनी बहनों का इंतजार कर रहे थे, बहनों को आने में देरी हो रही थी, इसलिए वह स्वयं नेत्र संकलन वाहिनी ज्योति रथ लेकर, दिवंगत त्रिलोक चंद के घर भवानी मंडी जा पहुंचे और देर रात 11:00 बजे नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हुई ।

 

घर पर उपस्थित सभी महिलाओं और परिवारजनों के सामने नेत्रदान संपन्न हुआ। क्षितिज सुराणा ने बताया कि उनके पिता त्रिलोकचंद सुराणा नेत्रदान संकल्पित थे, एवं वह परिवार को नेत्रदान की प्रेरणा देते रहे थे। 

 

ज्योति मित्र विवेक जैन पिंटू के अनुसार यह भवानीमंडी क्षेत्र से प्राप्त 146 वां नेत्रदान है,साथ ही,एक ही परिवार से पांचवा नेत्रदान प्राप्त हुआ है, इससे इससे पहले रतनलाल सुराणा, चमेलीबाई सुराणा, पुखराज सुराणा एवं तेजकुंवर बाई सुराणा का नेत्रदान परिवार से प्राप्त हो चुका एवं किसी एक परिवार से पांच नेत्रदान यह पूरे कोटा संभाग में पहली बार हुआ है।

 

नेत्र संकलित करके देर रात डॉ गौड़ 1:00 बजे घर पहुंचे,उसके बाद उन्होंने अपनी दोनों बहनों कृति किरण और भारती जोशी से राखी बंधवाकर आशीर्वाद प्राप्त किया ।


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