उदयपुर। सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से निकलने वाली नदियों को आपस में जोडकर जल संरक्षण, वन संवर्धन, पर्यावरणीय संतुलन एवं ग्रामीण आजीविका को एकीकृत रूप से बढ़ावा देने का सुझाव दिया है।
सांसद डॉ रावत ने लोकसभा में नियम 377 के अधीन सूचना के तहत अपना सुझाव रखते हुए कहा कि उदयपुर लोकसभा क्षेत्र मुख्यतः एक पहाड़ी क्षेत्र है, जहां से निकलने वाली अनेक छोटी-बड़ी नदियां बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर प्रवाहित होती हैं। यदि इन नदियों को आपस में जोड़ दिया जाए तो इस क्षेत्र में जल संरक्षण, सिंचाई सुविधा और पेयजल आपूर्ति स्थायी रूप से सुनिश्चित की जा सकती है। इसके लिए एक सुविचारित जल संसाधन योजना की आवश्यकता है। सांसद डॉ रावत ने बताया कि यह क्षेत्र पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत अनुकूल है, जहां औसतन 90 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होती है। यहां की राजकीय एवं अनुपयोगी चारागाह व वनभूमि पर आम, चीकू, गोंदी, करौंदा जैसे बहुउपयोगी वृक्षों का व्यापक व व्यवस्थित रोपण की भी असंदिग्ध संभावना है। इससे न केवल क्षेत्र में हरित वनावरण और जैव विविधता बढ़ेगी, बल्कि लघु वन उपज के माध्यम से स्थानीय जनजातीय समुदाय को रोजगार एवं आय के अवसर भी प्राप्त होंगे।
सांसद डॉ रावत ने सरकार से आग्रह किया कि इसके लिए उदयपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत एक विशेष एकीकृत योजना तैयार की जाए, जिससे जल संरक्षण, वन संवर्धन, पर्यावरणीय संतुलन एवं ग्रामीण आजीविका को एकीकृत रूप से बढ़ावा दिया जा सके