धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान बैठक में राजस्थान से कोई प्रजेन्टेशन नहीं, सांसद डॉ रावत ने चिंता जताई

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Published on : 03 Aug, 25 04:08

कलक्टर उदयपुर, सलूम्बर, डूंगरपुर व प्रतापगढ को पत्र लिखकर अधिकाधिक विकास कार्य के प्रस्ताव तैयार करने को कहा

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान बैठक में राजस्थान से कोई प्रजेन्टेशन नहीं, सांसद डॉ रावत ने चिंता जताई

उदयपुर। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान को लेकर केन्द्रीय जनजाति कार्य मंत्री के साथ हुई बैठक में प्रजेन्टेशन के दौरान राजस्थान राज्य से सम्बन्धित कोई भी योजना या प्रस्ताव की स्लाइड प्रदर्शित नहीं होने पर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने चिंता जताई और कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अन्तर्गत अधिकाधिक विकास कार्य के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए।
बैठक के बाद सांसद डॉ रावत ने जिला कलक्टर उदयपुर, सलूम्बर, डूंगरपुर व प्रतापगढ को पत्र लिखकर इस मामले में गंभीरता बरतने को कहा है। साथ ही इस सम्बन्ध में राज्य स्तरीय कमेटी से समन्वय करने तथा अभियान के अन्तर्गत देशभर में हो रही बेस्ट प्रेक्टिस का अध्ययन कर जिले में उसी प्रकार प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
केन्द्रीय जनजाति कार्य मंत्री के साथ हुई बैठक में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में सैचुरेशन लेवल तक सभी योजनाओं के लाभ दिये जाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में निर्धारित मानक के अतिरिक्त जो वंचित गांव है, उनके प्रस्ताव भेजे। इस सम्बन्ध में 50 तक की जनसंख्या वाले गांव या बस्तियों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ने के लिए प्रस्ताव इस अभियान के तहत भेज सकते हैं।
गैर संभव ग्रामों को सम्मिलित करने की योजना के तहत सभी गांव जो गैर संभव होने के कारण विभिन्न योजनाओं यथा जल-जीवन मिशन, विद्युतीकरण, मोबाईल कवरेज, सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्र इत्यादि से वंचित रह गये है, उनको भी धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अन्तर्गत सम्मिलित कर प्रस्ताव भेजे जाए।
सांसद डॉ ने पत्र में निर्देश दिए हैं कि होम स्टे एवं मत्स्य पालन योजनाओं के नवीन दिशा-निर्देश जारी किये गये है, जिनका अध्ययन करवायें एवं सम्बन्धित को निर्देश दें कि जिले में अधिक से अधिक (सभी ब्लॉक स्तर पर) स्वदेश दर्शन अन्तर्गत होम स्टे एवं मत्स्य पालन के प्रस्ताव भेजे जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके।
डॉ रावत ने कहा कि वन धन विकास केन्द्र वन धन विकास केन्द्र में अपेक्षित प्रगति नहीं है। इसके लिए नवीन प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने के लिए सम्बन्धित को निर्देश प्रदान करें। पत्र में जिले के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए अधिकाधिक नवीन प्रस्ताव तैयार कर पी.एम. गतिशक्ति पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है ताकि अभियान का अधिकाधिक लाभ आमजन को प्राप्त हो सके।


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