नीति से परिवर्तन तक: भारतीय विद्या मंदिर संस्थान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 5 वर्ष पूर्ण होने पर व्याख्यानमाला आयोजित

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Published on : 02 Aug, 25 02:08

शिक्षा में नवाचार, कौशल और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित रहा कार्यक्रम

नीति से परिवर्तन तक: भारतीय विद्या मंदिर संस्थान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 5 वर्ष पूर्ण होने पर व्याख्यानमाला आयोजित

उदयपुर,भारतीय विद्या मंदिर शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में "नीति से परिवर्तन तक: राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 के पांच वर्ष" विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान के तत्वावधान में आयोजित हुआ। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के सफल पांच वर्ष पूरे होने के अवसर पर विशेषज्ञों ने शिक्षा के बदलते स्वरूप और नीतिगत नवाचारों पर विचार साझा किए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 के तहत कौशल विकास और छात्र-केंद्रित शिक्षण को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में NEP-2020 टास्क फोर्स का गठन कर नवाचारों की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने नीति के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता दोहराई।

शोध, नवाचार और राष्ट्रनिर्माण की नींव: प्रो. राजेश जोशी

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रो. राजेश जोशी ने कहा कि NEP-2020 का उद्देश्य ऐसे युवाओं का निर्माण करना है जो नवाचार, रिसर्च, तकनीकी और रोजगारपरक शिक्षा के बल पर आत्मनिर्भर भारत की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि नीति भारत को रक्षा, अंतरिक्ष, चिकित्सा, व्यापार आदि क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाते हुए विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

शिक्षा में अध्यात्म और विज्ञान का समन्वय: प्रो. महीपाल सिंह राव

भारतीय विद्या मंदिर संस्थान के अकादमिक निदेशक प्रो. महीपाल सिंह राव ने कहा कि NEP-2020 ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की अवधारणा को具 आधार बनाकर अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय की शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है। यह नीति 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी।

संस्थान के सचिव एवं समारोह अध्यक्ष शांतिलाल सेठ ने कहा कि यह नीति शिक्षा को सर्वसुलभ, न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण बनाती है। उन्होंने बी.एड. पाठ्यक्रम में नीति के समावेशन और नवाचार की आवश्यकता पर भी बल दिया।

नीति की ऐतिहासिकता पर भी चर्चा

संस्थान के प्राचार्य डॉ. विशाल उपाध्याय ने स्वागत भाषण में NEP-2020 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप इसकी रचना की चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. हेमेन्द्र त्रिवेदी ने किया एवं आभार डॉ. अजय पवार ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर शिक्षाविद प्रकाश पंड्या, डॉ. नागेन्द्र सिंह, डॉ. विक्रम सिंह सोलंकी सहित संस्थान के शिक्षक, विद्यार्थी और महाविद्यालयों के संकाय सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


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