वेदांता लिमिटेड ने 30 जून 2025 को समाप्त पहली तिमाही के लिए अपने अनऑडिटेड कंसोलिडेटेड रिजल्ट्स की घोषणा की। वेदांता ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया, जहां शुद्ध लाभ’ साल-दर-साल 13 प्रतिशत बढ़कर ₹5,000 करोड़ रहा। कंपनी ने ₹ 10,746 करोड़ का अब तक का सर्वोच्च पहली तिमाही का एबिट्डा दर्ज किया, जो वार्षिक आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है । वेदांता का एबिट्डा मार्जिन’’ 81 बीपीएस बढ़कर सालाना आधार पर 35 प्रतिशत हो गया, जो पिछली 13 तिमाहियों में सबसे अधिक है। पहली तिमाही के लिए कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 6 प्रतिशत बढ़कर ₹ 37,434 करोड़ रहा।
वेदांता की लिक्विडिटी तिमाही-दर-तिमाही 7 प्रतिशत और साल-दर-साल 33 प्रतिशत बेहतर हुई, कैश और कैश इक्विवेलेंट ₹22,137 करोड़ पर पहुंच गया। कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड आधार पर 87 बीपीएस बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया। वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को क्रिसील और आईसीआरए दोनों ने एए स्तर पर पुनः पुष्टि की है।
कंपनी ने 587 किलोटन पर रिकॉर्ड तिमाही एल्यूमिना उत्पादन दर्ज किया, जो 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। पिछले 16 तिमाहियों में सबसे कम हॉट मेटल लागत (एल्यूमिना को छोड़कर) 888 डॉलर प्रति टन रही। कुल एल्यूमिना उत्पादन लागत तिमाही दर तिमाही 12 प्रतिशत कम रही। भारत में वेदांता के जिंक परिचालन ने पहली तिमाही में अब तक का सर्वाधिक खनन धातु उत्पादन 265 किलोटन और पहली तिमाही में अब तक का सबसे कम जिंक उत्पादन लागत डाॅलर 1,010 प्रतिटन हासिल किया। कंपनी के अंतरराष्ट्रीय जिंक परिचालन में खनन धातु उत्पादन में 50 प्रतिशत सालाना वृद्धि देखी गई। कंपनी ने 950 मेगावाट की मर्चेंट पावर क्षमता शुरू की, जिसमें एथेना पावर प्लांट (यूनिट 1 - 600 मेगावाट) जुलाई 2025 में शुरू हुआ और मीनाक्षी पावर प्लांट यूनिट 3 (350 मेगावाट) को जुलाई 2025 में सीओडी प्राप्त हुआ।
नतीजों पर वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि, हमारी पहली तिमाही के प्रदर्शन ने आने वाले वर्ष के लिए एक मजबूत नींव रखी है। वैश्विक बाजार की अस्थिरता के बीच, हमने अब तक का सबसे उच्चतम पहली तिमाही एबिट्डा दर्ज किया। संचालन के लिहाज से, हमने पिछले 16 तिमाहियों में सबसे कम हॉट मेटल लागत (एल्युमिना को छोड़कर) हासिल की, अब तक की सबसे कम पहली तिमाही जिंक इंडिया कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन हासिल की, गम्सबर्ग में 74 प्रतिशत साल-दर-साल उत्पादन वृद्धि, पावर सेल्स में 33 प्रतिशत तिमाही-दर-तिमाही उछाल, और फेरो क्रोम वॉल्यूम में 150 प्रतिशत वृद्धि हासिल की। लांजीगढ़ रिफाइनरी का 587 किलोटन तक रैम्प-अप होना इस ओर संकेत करता है कि हम वित्त वर्ष 26 में 3 मिलियन टन से अधिक एल्युमिना उत्पादन के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। आगे देखते हुए, दूसरी तिमाही में लांजीगढ़ में ट्रेन- 2 का कमीशनिंग, बालको में 435 केटी स्मेल्टर क्षमता और 1,300 मेगावाट की नई थर्मल पावर क्षमता का परिचालन शुरू होना, हमें पूरे वित्त वर्ष की गाईडंस को हासिल करने में सक्षम बनाएगा। एच2 में हमारे सिजीमाली बॉक्साइट खदान और कुरालोई कोल माइन का संचालन शुरू होने से हमारे प्रदर्शन में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि की उम्मीद है।”
वेदांता के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अजय गोयल ने कहा,“इस तिमाही में हमने ₹10,746 करोड़ का अब तक का सबसे उच्चतम पहला तिमाही एबिट्डा हासिल किया, जो 5 प्रतिशत साल-दर-साल वृद्धि को दर्शाता है। एबिट्डा मार्जिन 81 बीपीएस बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया, जो पिछले 13 तिमाहियों में सबसे अधिक है। हमारा समायोजित शुद्ध लाभ ्₹5,000 करोड़ तक पहुंचा, जो 13 प्रतिशत वृद्धि है। यह मजबूत प्रदर्शन, साथ ही हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड हिस्सेदारी बिक्री जैसे कॉर्पोरेट उपक्रम जिससे ₹3,028 करोड़ नकद प्राप्त हुआ ने वेदांता को नेट डेट-टू-एबिट्डा अनुपात 1.3 गुना पर लाने में मदद की। ₹5,000 करोड़ के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर इश्यू और अन्य रिफाइनेंसिंग के चलते, हमारे ऋण की लागत में लगभग 130 बीपीएच की गिरावट आई है, और यह अब 9.2 प्रतिशत है। हाल ही में क्रिसिल और आईसीआरए द्वारा हमारे क्रेडिट रेटिंग की एए स्तर पर पुनः पुष्टि की गई है, जो वेदांता की वित्तीय मजबूती और हमारे विकास पथ में बाजार के विश्वास को दर्शाता है।”
वेदांता समूह ने एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। हिंदुस्तान जिंक को ईएसजी प्रदर्शन के लिए वैश्विक स्तर पर शीर्ष 1 प्रतिशत में स्थान मिला है, और वेदांता लिमिटेड और वेदांता एल्युमीनियम को सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक सदस्यों के रूप में मान्यता मिली है, जो समूह की जिम्मेदार और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) 1906 मेगावाट स्थापित क्षमता के नवीकरणीय ऊर्जा वितरण समझौते (पीडीए) लागू हैं। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 25 में नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 0.84 बिलियन यूनिट रहा। जेंडर डाइवर्सिटी वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 22 प्रतिशत रही, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एचवीएलटी अपशिष्ट उपयोग 72 प्रतिशत रहा। जल पुनर्चक्रण वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 48 प्रतिशत वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 5 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए, जिससे कुल पेड़ों की संख्या 35 लाख हो गई। अब हम वित्त वर्ष 2030 के 70 लाख पेड़ों के अपने लक्ष्य के 50 प्रतिशत करीब पहुँच चुके हैं। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक, महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8,600 से अधिक नंदघर बनाए गए, 3.4 लाख से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए, 2.5 लाख से अधिक महिलाएँ लाभान्वित हुईं। समुदायों के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहलों पर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 98 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे लगभग 20.4 लाख लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से लाभ पहुँचा।