हिमालय परिवार महिला प्रकोष्ठ का सावन उत्सव"  आयोजन 

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Published on : 29 Jul, 25 15:07

 *भारत को सांस्कृतिक एकरूप करता है हिमालय परिवार* _*रजनी डांगी*

हिमालय परिवार महिला प्रकोष्ठ का सावन उत्सव"  आयोजन 

      उदयपुर ! अखिल भारतीय हिमालय परिवार महिला प्रकोष्ठ उदयपुर द्वारा हिरण मगरी स्थित घूमर गार्डन परिसर में सावन उत्सव समारोह के आयोजन  के तहत भारतीय परम्परा में सावन  एवं हमारे सामाजिक ताने बाने में सावन उत्सव के महत्व को इंगित करते लहरिया उत्सव को इंगित करते लहरिया उत्सव का आयोजन किया किया गया ,जिसमें उदयपुर के विभिन्न क्षेत्रा से 125 से भी अधिक महिलाओं ने प्रतिभागिता की।   इस कार्यक्रम की संयोजक श्रीमति हेमलता जारोली ने बताया कि अधिक से अधिक महिलाओं को हिमालय परिवार के सुरक्षित हिमालय-सुरक्षित भारत अभियान  से जोडने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उदयपुर नगर निगम कि पूर्व महापौर श्रीमति राजनी डागी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक एकरूपता के सुदृढ़ीकरण करने में संघ प्रचारक एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व हिमालय परिवार के राष्ट्रीय संरक्षक इन्देश कुमार जी की अगुवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश महामंत्री अरविंद जारोली ने बताया कि नवीन स्थापित महिला प्रकोष्ठ इस  सावन उत्सव  प्रतियोगिता में भारदीयता की  परमपरागंत लहरीया साडी वेश-भूषा से सजी महिलाओं ने मंच पर गरिमापूर्ण व्यतिव के प्रदर्शन के साथ राष्ट्र के  समपर्ण के लिए  विचारों को अभिव्यक्त किया। जिसमें सम्मानीय अतिथि समाजसेवी केलाश मेनारिया ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से निश्चित रूप से मातृ‌ शक्ति में देश प्रेम की राष्ट्रीय चेतना का नवसंचरण होता है 

 

हिमालय परिवार चित्तौड़ प्रान्त संयोजक डॉ. सुशील निंबार्क ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रथम मीना पटेल, द्वितीय सरिता राव और तृतीय लनीना तलरेजा के साथ ही सभी प्रतिभागियों को मोमेंटो से सम्मानित किया गया।

और साथ ही 30 वी सिन्धु दर्शन यात्रा करने के लिए प्रेरित किया। 

अपनी तरह के इस राष्ट्रहित से सराबोर कार्यक्रम में हिमालय परिवर के प्रदेश उपाध्यक्ष रमण सुद, जिला अध्यक्ष अशोक सास्वत और महिला प्रकोष्ठ समन्वयक मणिबेन पटेल ने भी सम्बोधित किया । सन्चालन मीरा कन्या महाविद्याल की प्रोफेसर डॉ. स्नेहा बाबेल ने किया तथा प्रतियोगिता में निर्णायक श्रीमति अनुराधा शर्मा, डॉ. चन्दन बाला मारू एवं गुजन विश्वकर्मा थी।


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