उदयपुर, जिला प्रशासन तथा युनिसेफ सपोर्टेड रीजनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बाल चिकित्सालय उदयपुर के तत्वावधान में गर्भधारण पूर्व पोषण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को होटल रिजेंटा में संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, टीएडी आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी, जिला कलक्टर नमित मेहता के आतिथ्य में हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संभागीय आयुक्त सुश्री केवल रमानी ने जनजाति अंचल में कुपोषण से मुक्ति के लिए इस योजना को महत्वपूर्ण बताया। टीएडी आयुक्त श्री स्वामी ने हॉस्टल में निवासरत किशोरी बालिकाओं तक इसका संदेश पहुंचाने की आवश्यकता जताई, ताकि वे अपने घर पर भी इस संदेश को लेकर जाएं और स्वयं का एवं परिवार के पोषण के प्रति जागरूक हों।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि यह योजना आने वाले दिनों में कुपोषण से मुक्ति के लिए मिल का पत्थर साबित होगी, क्योंकि यदि किशोरी का पोषण सही होगा तो वह एक स्वस्थ मां बनेगी और स्वस्थशिशु को जन्म देगी। वर्तमान में कुपोषण के कारण से गर्भवती माता में खून की कमी होती है। हाई रिस्क प्रेगनेंसी के हालात पैदा होते हैं एवं जो शिशु जन्म लेते हैं वह कुपोषित ही होते हैं। इन सब को बचाने के लिए यह योजना कारगर सिद्ध होगी।
अधीक्षक डॉ आर एल सुमन ने कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन करते हुएरूपरेखा बताई। उन्होंने अवगत कराया कि आने वाले दो दिन ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा इसके लिए बुकलेट एवं दवाइयों के किट का मंच द्वारा विमोचन किया गया। यूनिसेफ स्पेशलिस्ट मीनाक्षी सिंह ने यूनिसेफ की योजना एवं राज्य स्तर की योजनाओं के बारे में न्यूट्रिशन के क्षेत्र में किया जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। न्यूट्रिशन यूनिसेफ से आई वनिता ने कार्यक्रम की 6 माह की समय सारणी के बारे में बताया कि शुरुआती जांच के बाद अगले 6 महीने तक मॉनिटरिंग की जाएगी और अंत में सारे डेटा को एनालिसिस करके आगे की रूपरेखा राजस्थान के लिए तय की जाएगी। कार्यक्रम में मेडिकल विभाग से डॉ राकेश गुप्ता, टीएडी उपायुक्त रागिनी डामोर, समाज कल्याण विभाग से डॉ आरूषी जैन, चिकित्सा विभाग से बीसीएमओ बीपीएम अन्य जिला अधिकारी मौजूद रहे।