उदयपुर। श्री कुंदकुंद कहान शाश्वत पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित तुलसीदास की सराय, डबोक स्थित संस्कार तीर्थ शाश्वत धाम में जैन दर्शन कन्या महाविद्यालय के गौरवशाली 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय स्थापना दिवस समारोह शनिवार से आरंभ हुआ।
शाश्वत धाम के मंत्री डॉ जिनेंद्र शास्त्री ने मंचास्न अतिथियों का शब्दों स्वागत भाषण करते हुए कहा की संस्कृत की विदुषियों से भरा यह शाश्वत धाम आज हर्षित है। कार्यक्रम में देश-विदेश से अनेक श्रेष्ठीगण एवं जैनसाधर्मी हिस्सा ले रहे हैं।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मेवाड़ पूर्व राजपरिवार की महारानी निवृति कुमारी मेवाड़ ने चिर परिचित अंदाज में खम्मा घणी कहते हुए मेवाड़ में बाहर से आये अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि 1864 में महाराणा शंभु सिंह ने सबसे पहला बालिका माध्यमिक विद्यालय खोला जो आज भी संचालित है। श्रीजी हुजूर ने पिछले वर्ष पूरे वर्ष की फीस दी। मेवाड़ आशीर्वाद में बप्पा रावल को दिया हारीत ऋषि ने भूमि रक्षा के लिए। 77 वीं पीढ़ी में अब श्रीजी उसी रास्ते पर चलते आ रहे हैं। जैन समाज का संबंध आज से नही, महाराणा कुम्भा का 15वीं पीढ़ी से रणकपुर जैन मंदिर से है। ये तो वो है जो कागजात में अंकित है बाकी उससे पहले भी हो सकता है । बालिकाओं को पढ़ते, आगे बढ़ते देख मन से खुशी होती है। शास्वत धाम देखकर मन खुश हो गया। एक लड़की को शिक्षा देंगे तो पूरे परिवार को शिक्षित करेंगे। 108 लड़कियां नहीं ये 108 परिवार शास्त्री शिक्षा में शिक्षित हो रहे हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में किशनगढ़ से प्रदीप चौधरी ने कहा कि सभी के सहयोग से आज कन्या महाविद्यालय मंदिर बन गया। उन माता पिता को प्रणाम जिन्होंने अपने बेटियों को यहां भेजना स्वीकार किया। यहां पढ़ने वाली लड़कियां संस्कारित रहेंगी जिससे देश भी उसी दिशा में बढ़ेगा। आज के लड़के-लड़कियां जिस दिशा में जा रहे हैं कम से कम वहां से तो बचेंगे। आप खुद आत्मा हो ये घर घर में जाग्रत करने में ये बच्चियां सहायक होंगी। भगवान बनने की नहीं, भगवान होने की शिक्षा दे रही हैं। आरम्भ में 13 बच्चियां थी जो अब 108 हो चुकी हैं। 67 बालिकाएं शास्त्री कर निकल चुकी हैं। इस पंचम काल में ये बालिकाएं जो पढ़ रही हैं अपने आप को विरला महसूस करेंगी। ऐसे करोड़पति इधर उधर बहुत मिलेंगे। विद्वान बनाने की फैक्ट्री टोडरमल स्मारक है। अध्यक्षता दिल्ली के अजित कुमार ने की। कुंद कुंद तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट मुम्बई के बसन्त एमजी दोशी ने अस्वस्थता के कारण वीडियो संदेश दिया।
कार्यक्रम में देश-विदेश से अनेक श्रेष्ठीगण एवं जैनसाधर्मी हिस्सा ले रहे हैं। अतिथियों का स्वागत माला, मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा और साहित्य भेंट कर सम्मान किया गया। शाश्वत धाम की बालिकाओं ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
कुसुम चौधरी ने महिलाओं से कहा कि ऐसे स्थानों पर दिल खोलकर देना चाहिए। मुमुक्षु समाज को पैसे की कमी नही होनी चाहिए। आदमी तो दे ही, हम महिलाओं को भी दिल खोलकर देना चाहिए। हमारे पास सोना इतना है एक तोला यहीं देकर जाएं। अभी एक करोड़ रुपये एकत्र हो जाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष ललित किकावत ने ट्रस्ट की स्थापना के बारे में बताते हुए आभार व्यक्त किया।।
अथ से अब तक : विद्वत परिचर्चा संपन्न-अथ से अब तक विषयक परिचर्चा संपन्न हुई। जिसके अंतर्गत जैनदर्शन महाविद्यालयों की विकास यात्रा पर विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के महामंत्री परमात्म प्रकाश भारिल्ल ने की, मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार बाबूलाल खराड़ी उपस्थित थे, साथ ही भारतवर्ष के विभिन्न महाविद्यालयों से प्रतिनिधि के रूप में आए हुए विद्वत गानों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया संचालन करते हुए डॉ. तपिश शास्त्री ने महाविद्यालयों के उद्देश्य प्रासंगिकता परिणाम आदि अनेक विषयों पर ज्वलंत प्रश्न विद्वानों के समझ रखे पर विद्वानों ने अपने बुद्धि और योग्यता का अनुभव का मिश्रण करके उत्तर प्रस्तुत किया।
इस परिचर्चा में कारंजा से पंडित आलोक शास्त्री, कोटा से पंडित जयकुमार शास्त्री, गुना से पंडित सुरेश शास्त्री, शाश्वत धाम से पंडित सुरेश शास्त्री, मंगलायतन अलीगढ़ से पंडित सचिन्द्र जी शास्त्री, मंगल विद्यानिकेतन टीकमगढ़ से पंडित आशीष जी शास्त्री, चैतन्य धाम अहमदाबाद से पंडित सचिन जी शास्त्री, ढाईद्वीप जिनायतन इंदौर से पंडित विवेक जी शास्त्री, नंदीश्वर विद्यापीठ खनियाधाना से पंडित आकाश जी शास्त्री, नवसारी से डॉ. स्वाति जी शास्त्री, मुंबई से विदुषी स्वानुभूति जी शास्त्री, इंदौर से डॉक्टर पूजा जी शास्त्री आदि उपस्थित थे।
अतिथियों के रूप में परमात्म प्रकाश भारिल, मुम्बई के पं विपिन शास्त्री, आलोक शास्त्री, मेरठ से मनीष शास्त्री, नागपुर से विपिन शास्त्री, यूएसए से पं विक्रम, स्वानुभूति शास्त्री, डॉ. हुकमचंद भारिल की पत्नी गुनमाला भारिल, सोनल जैन इंदौर, किशनगढ़ से कुसुम चौधरी, सीए श्याम सिंघवी, शांतिलाल अखावत, योगेश अखावत, दिल्ली से वज्रसेन, अरविंद जैन, अहमदाबाद से ऋषभ शास्त्री, जय कुमार कोटा, आशीष शास्त्री टीकमगढ़, निकलंक शास्त्री, सचिन्द्र शास्त्री, चैतन्य धाम के सचिन शास्त्री, इंदौर से वीरेन शास्त्री, आकाश शास्त्री, सुरेश शास्त्री, खेमचंद शास्त्री, संदीप शास्त्री, अमित शास्त्री गुना, गजेंद्र, नीलेश, अनुरोध, नवसारी से स्वाति शास्त्री, इंदौर से पूजा शास्त्री ने शिरकत की। संचालन ट्रस्ट के संयोजक डॉ अंकित शास्त्री ने किया आभार महामंत्री भावेश कालिका ने किया।