मुख्यमंत्री ने पीपलोदी हादसे पर ली उच्चस्तरीय बैठक -जर्जर सार्वजनिक भवनों का निरीक्षण कर त्वरित रूप से शुरू किए जाएं मरम्मत कार्य

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Published on : 26 Jul, 25 05:07

-निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच कर दोषियों के विरूद्ध हो सख्त कार्रवाई- मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा -राज्य सरकार ने पिछले दो बजट में शैक्षणिक भवनों के लिए किया 625 करोड़ रुपये का प्रावधान

मुख्यमंत्री ने पीपलोदी हादसे पर ली उच्चस्तरीय बैठक -जर्जर सार्वजनिक भवनों का निरीक्षण कर त्वरित रूप से शुरू किए जाएं मरम्मत कार्य

जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर झालावाड़ जिले के पीपलोदी ग्राम के सरकारी स्कूल में हुए दुखद हादसे के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक ली। उन्होंने समस्त जिलों के जिला प्रशासन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, कार्यकारी एजेंसी, समसा एवं आरएसआरडीसी सहित संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी भवनों, विशेष रूप से स्कूलों, अस्पतालों सहित अन्य सार्वजनिक भवनों का तत्काल निरीक्षण कर मरम्मत कार्य करवाए जाएं। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए, जो 5 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
 श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीपलोदी हादसे से हम सब दुखी हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए भवनों के निरीक्षण, मरम्मत और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। हाल ही में जिन भवनों की मरम्मत का काम किया गया है, उनकी भी जांच कर गुणवत्ता सुनिश्चित करें तथा कमी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
जर्जर भवनों को खाली कराकर किया जाए पुनर्वास-
 मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्जर और उपयोग के लिए असुरक्षित पाए जाने पर भवनों को तुरंत खाली करवाया जाए और प्रभावितों का अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास किया जाए। उन्होंने कहा कि जर्जर स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के लिए वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित कर उनके लिए अस्थायी कक्षाओं का संचालन सामुदायिक भवनों या अन्य सुरक्षित स्थानों पर किया जाए। उन्होंने इसके लिए शिक्षा विभाग को तुरंत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
जर्जर तथा नवीन भवनों के लिए किया बजटीय प्रावधान-
 श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट 2024-25 में प्रदेश की राजकीय शिक्षण संस्थाओं और 750 विद्यालयों के भवनों की मरम्मत हेतु 250 करोड़ रूपये की बजट घोषणाएं की थी। साथ ही, बजट 2025-26 में भी भवनविहीन व जर्जर विद्यालयों के नवीन भवनों के निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए 375 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को विकास कार्यों के लिए 28 करोड़ रूपये दे रहे हैं। साथ ही डांग, मगरा, मेवात क्षेत्र विकास योजना, एमएलए लेड, एमपी लेड और जनजाति क्षेत्र विकास योजनाओं की राशि से भी ये कार्य करवाए जा सकते हैं।
भवनों की वार्षिक सुरक्षा ऑडिट के लिए स्थायी तंत्र हो विकसित-
 मुख्यमंत्री ने कहा कि भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सरकारी भवन की वार्षिक सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य की जाए। इसके लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर स्थायी तंत्र विकसित किया जाए, जिसमें विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों और स्थानीय पंचायतों को भवन सुरक्षा एवं रखरखाव के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
आंगनबाड़ी केन्द्रों के रखरखाव पर दिया जाए विशेष ध्यान-
 मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का अनिवार्य निरीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में 5 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
पीपलोदी हादसे से मन व्यथित-
 मुख्यमंत्री ने कहा कि झालावाड़ के पीपलोदी में सरकारी विद्यालय की छत गिरने से हुआ हादसा दुखद एवं हृदय विदारक है। इस दर्दनाक हादसे में मासूम बच्चों की मृत्यु से मन व्यथित है। राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी अधिकारियों और डॉक्टर्स के संपर्क में हैं तथा प्रशासन को हादसे में घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा गया है।
 बैठक के दौरान पीपलोदी हादसे पर दो मिनट का मौन रखकर मृतक बच्चों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस दौरान मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे


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