आज यहां पेसिफिक यूनिवर्सिटी के सभागार में कुराबड संस्था प्रधान ब्लॉक के प्रधानाध्यापक को वॉक पीठ कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वाटर हीरो से सम्मानित वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पीसी जैन ने उपरोक्त बात कही।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को दैनिक जीवन में पानी क्यों और कैसे बचाना चाहिए इस पर शनिवार के आराम नो बैग़ डे के दिन बताना चाहिए कि जिस तरह हमारी छत की टंकी में पीने वाला पानी सीमित है इस तरह इस पृथ्वी पर भी पीने वाला पानी सीमित है। इसको बचाने का एक ही तरीका है कि हम नल कम खोलें , टपकते नलों को ठीक करें, ब्रश करते समय नल न चलाएं, बाल्टी और मग्गे से नहाए इत्यादि। अदृश्य जल बर्बादी उन्होंने कहा कि एक शर्ट बनाने में 2700 लीटर तथा एक जींस बनाने में 7: 30 हजार लीटर पानी खर्च होता है जो हमें नहीं दिखता इसलिए अनावश्यक कपड़ों पर खर्च न कर यह जल भी हम बचा सकते हैं।
बच्चों को बताएं कि वर्षा जल शुद्ध होता है पीने के लायक होता है उसे अपने घर में अगर ट्यूबवेल, हैंड पंप है तो उसमें डालें और अगर नही है तो जमीन में डालें ताकि यह शुद्ध जल उनके ही भविष्य में काम आएगा। बच्चों को जल संरक्षण हेतु, पोस्टर , मॉडल, नाटक, गीत, नारे इत्यादि सतत कार्यक्रम चलाकर उनकी जल के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। उन्होंने’” टैंकर आगया है”,”जल डकेती” “,एक कुए की मौत” “ ,हैण्ड पंप पर लड़ाई” इत्यादि नाटिकाए बताई जिसे स्कूल में छात्रों से करवा कर जल जागरूता की जा सकती है बताई |
वर्षा जल संरक्षण प्रधानाध्यापकों को रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग से स्कूल में स्थित हैंडपंप , ट्यूबवेल को किस तरह से सस्ती सरल तकनीक से रिचार्ज करें यह भी डॉक्टर पीसी जैन ने बताया। साथ ही अगर ट्यूबवेल, हैंडपंप नहीं है तो छत के वर्षा जल को जमीन में कैसे डालें इसकी भी सरल और सस्ती तकनीक बताइ। अपने साथ लाये हैण्ड पंप को केसे रिचार्ज करे यह भी बताया | उन्होंने सभी को अपने स्कूल में टी डी एस मीटर रखने का आग्रह किया ताकि पानी की शुद्दता नापी जा सके | कार्यक्रम के प्रारंभ में मटकी पूजन कर जल का पूजन किया गया। डॉ पी सी जैन का स्वागत शेर सिंह चौहान वाक पीठ अध्यक्ष ने किया |चेतन प्रकाश जैन सचिव वाक पीठ ने धन्यवाद ज्ञापित किया |कार्यक्रम के अंत में प्रधानाध्यापकों के द्वारा पूछे गए जल संरक्षण के बारे में प्रश्नों का उत्तर जी डॉक्टर पीसी जैन ने दिए।